राष्ट्रीय टीबी उम्मूलन को लेकर सीएमई का किया गया आयोजन

#MNN@24X7 दरभंगा। जिला यक्ष्मा केंद्र, डब्लयू जे क्लिंटन फाउंडेशन व वर्ल्ड विज़न की ओर से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंर्तगत सीएमई का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन सीएस डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने द्धीप प्रज्वलित कर किया.

मौके पर सीएस ने कहा कि टीबी के खिलाफ देश में महाअभियान चलाया जा रहा है. इसमें विभाग के साथ समाजसेवी संस्‍थाओं के द्वारा भी निरंतर प्रयास किया जा रहा है. इसके बेहतर नतीजे भी निकल रहे हैं. कहा कि टीबी रोगियों के साथ उनके संपर्क में आए स्वजन व अन्य लोगों की स्क्रीनिंग व दवा भी जरूरी है. इसके लिए टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें टीबी रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवा वजन के हिसाब से दी जाती है.

बताया कि क्षय रोग को समाप्त करने में स्‍वास्‍थ्य विभाग के साथ ही सामाजिक संगठनों, आम जन, प्राइवेट चिकित्‍सकों को साथ आना होगा.

उचित इलाज के अभाव में संपर्कित व्यक्ति हो सकते संक्रमित
मौके पर जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया की भारत सरकार के राष्ट्रीय रणनीति 2017- 25 के अनुसार टीबी उन्मूलन के लिये लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए प्रोग्रैमेटिक मैनेजमेंट ऑफ़ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) योजना के अंतर्गत लेटन टीबी इंफेक्शन वाले मरीज को चिन्हित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ा जायेगा ताकि उनके शरीर के अंदर पनप रहे बैक्टेरिया को एक्टिब टीबी होने से पहले समाप्त कर दिया जाए. इससे टीबी फैलाब के चैन को तोड़ने में मदद मिलेगी.

मौके पर डॉ सिंह ने ने कहा कि टीबी रोगी के परिवार के लोगों की निरंतर जांच करना जरूरी है. बताया कि मरीज का तो उपचार चलता रहता है लेकिन दूसरी तरफ संबंधित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों में बैक्टीरिया का असर बढ़ने लगता है. उचित इलाज के अभाव में संपर्कित व्यक्ति भी टीबी की चपेट में ही आ जाते हैं.

35 से 40 करोड़ आबादी लेटेन टीबी से संक्रमित
मौके पर डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ. राजीव ने बताया कि भारत में विश्व स्तर पर तपेदिक संक्रमण (टीबीआई) का सबसे अधिक अनुमानित बोझ है. लगभग 35 से 40 करोड़ भारतीय आबादी में लेटेन टीबी इंफेक्शन है, जिनमें से 26 लाख सालाना तपेदिक (टीबी) रोग विकसित करने का अनुमान है. बताया कि कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के दौरान टीबी मरीज के सम्पर्क में रहने वाले सभी पांच साल से अधिक उम्र के लोगों का एक्सरे करना जरुरी है. ताकि टीबी संक्रमण के बारे में पता चल सके.

मंच का संचालन वर्ल्ड विज़न के डिस्ट्रिक्ट लीड चन्दन कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम पुरे बिहार के 11 जिलों में चलाया जा रहा है. बताया कि अक्टूबर 2021 से माह नवम्बर 2022 तक कुल 3423 मरीजों का कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग किया गया. इसमें कुल 12679 लोगो का स्क्रीनिंग किया गया. इस दौरान कुल 12163 ऐसे कॉन्ट्रेक्ट मिले, जिसमे एक्टिब टीबी के कोई लक्षण नहीं थे. मौके पर दीपांकर प्रसाद, आदर्श आदि मौजूद थे.