फतेहपुर। उत्तर प्रदेश में 75वें स्वतंत्रता दिवस पर फिदायीन हमले की तैयारी कर रहे एक और आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को यूपी एटीएस ने फतेहपुर से शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया है। हबीबुल की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने कानपुर जोन में छापेमारी तेज कर दी है।हबीबुल सहारनपुर के आतंकी नदीम का साथी है और जैश-ए-मुहम्मद व अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़ा था।एटीएस ने सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी मुहम्मद नदीम से पूछताछ के आधार पर फतेहपुर से हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को गिरफ्तार किया है।

बिहार का रहने वाला है, 30 साल पहले परिवार फतेहपुर आ गया

एटीएस के मुताबिक कानपुर यूनिट ने जांच के आधार पर फतेहपुर सैय्यदबाड़ा से 19 वर्षीय हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को शनिवार रात गिरफ्तार किया।हबीबुल यहां परिवार के साथ किराए पर रहता था।हबीबुल बिहार के मोतिहारी जिले के कस्बा रामगढ़वा का रहने वाला है।बिहार छोड़कर हबीबुल के पिता लगभग 30 साल पहले फतेहपुर आकर बस गए थे। हबीबुल के फतेहपुर कोतवाली के सैय्यदबाड़ा इलाके में स्थित मदरसे में पढ़ाते हैं।चार भाइयों में बड़ा हबीबुल ने हाफिज की पढ़ाई अपने पिता के ही मदरसे से की है।हबीबुल के घर वाले उसके आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी से इनकार किया।हबीबुल का परिवार यहां पर एक किराए के मकान में रहता है।क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ये आतंकी होगा, कभी सोचा नहीं था।

आतंकी हबीबुल वर्चुअल आईडी बनाने में माहिर,चाकू बरामद

आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह भी आतंकी मुहम्मद नदीम की तरह वर्चुअल आईडी बनाने में माहिर है।हबीबुल ने नदीम सहित कई पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी आतंकियों को लगभग 50 वर्चुअल आईडी बनाकर दी थी। हबीबुल सोशल मीडिया से वहां के आतंकी हैंडलर्स से जुड़ा था और साथ ही कई ग्रुप बना रखे थे।इस ग्रुप में जेहादी वीडियो भेजे जाते थे। इसके बाद लोगों को जेहाद करने के लिए प्रेरित कर रहा था। हबीबुल ने ऑनलाइन वुल्फ अटैक की ट्रेनिंग ली थी। उसके पास भी एक बटन वाला चाकू बरामद हुआ है।
हबीबुल ने ही नदीम को चाकू से हमले की ट्रेनिंग दी थी।हबीबुल ने ही वर्चुअल नंबर से fidaye force का pdf format में ट्रेनिंग मॉड्यूल नदीम को भेजा था।हबीबुल फतेहपुर में बैठकर भारत से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक कई युवकों का ब्रेन वॉश कर जिहाद के लिए उकसाता था।हबीबुल पहले इटावा जिले में हाफिज की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद दो साल गुजरात में आलिम की पढ़ाई की।एटीएस को नदीम की गिरफ्तारी के बाद हबीबुल के बारे में जानकारी मिली। नदीम के पकड़े जाने के बाद से ही हबीबुल ने मोबाइल बंद कर लिया था। अंतिम लोकेशन पर खोजबीन करने पर एटीएस टीम की गिरफ्त में हबीबुल आया।

वाट्सएप ग्रुप बनाकर भेजा था विडियो

एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि हबीबुल लोगों को वर्चुअल आईडी से धमकी भरे मैसेज भेजता था। युवाओं को जोड़ने के लिए पैसा और धर्म की दुहाई देता था। उसके मोबाइल से कई आपत्तिजनक वीडियो और लेख मिले हैं जो आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले हैं।

आतंकी हबीबुल आतंकियों को बनाकर देता था वर्चुअल आईडी

आतंकी हबीबुल ने स्वीकार किया है कि वह नदीम को जानता था। दोनों एक ही आतंकी नेटवर्क जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे। हबीबुल सोशल मीडिया के माध्यम जिनमें टेलीग्राम,वाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर आदि के तहत पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे कई हैंडलर्स से जुड़ा है।हबीबुल कई ग्रुप्स में वर्चुअल आईडी के माध्यम से ही जुड़ा था और अन्य सदस्यों को भी वर्चुअल आईडी बनाकर देता था।इन ग्रुप्स में जिहादी वीडियो भेजे जाते हैं।

आतंकी हबीबुल को बुलाया गया था पाकिस्तान

जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी हैंडलर ने हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को पाकिस्तान आकर जिहादी प्रशिक्षण लेने और फिर भारत में जिहाद करने के लिए कहा था।हबीबुल के कब्जे से एक मोबाइल फोन में 1 सिम और एक बटन से खुलने वाला चाकू बरामद हुआ है।यूपी एटीएस विस्तृत पूछताछ के बाद भारतीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संपर्कों की गहनता से छानबीन कर कार्रवाई करेगी।

आतंकी हकीमुल्लाह ने कराया था दोनों का संपर्क

यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि साल 2018 में नदीम का संपर्क पाकिस्तान स्थित आतंकी हकीमुल्लाह से हुआ था, जोकि जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य हैं। बाद में नदीम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कई आतंकियों से भी जुड़ा।हकीमुल्लाह ने नदीम का सैफुल्लाह नामक व्यक्ति से संपर्क कराया था, जिसके बाद से नदीम लगातार सैफुल्लाह के संपर्क में विभिन्न प्लेटफॉर्म के जरिए था।सैफुल्लाह के बहकावे में ही आकर नदीम ने अफगानिस्तान जाकर आतंकी संगठन में शामिल होने की प्लानिंग भी रची।

आतंकी हबीबुल ने दी थी आतंकी नदीम को ट्रेनिंग

आतंकी हबीबुल ने विभिन्न रेडिकल एलीमेंट्स, जो पाकिस्तान बांग्लादेश, जम्मू-कश्मीर और यूएई में थे,उनसे परिचय कराया। उन सभी से इनक्रिप्टेड चेन के जरिए संपर्क हुआ। हबीबुल द्वारा ही आईडी बनाने के संबंध में एक मैनुअल भेजा गया था, जिससे नदीम आईडी बनाने में एक्सपर्ट हो सके और जरूरत पड़ने पर आईईडी ब्लास्ट कर सकें। हबीबुल ने नदीम को lone wolf attack के लिए चाकू से वार करने की ट्रेनिंग दी।नदीम के द्वारा कुछ टारगेट भी चिन्हित किए गए थे।नदीम पाकिस्तान, अफगानिस्तान बॉर्डर पर स्थित विभिन्न ग्रुप के संपर्क में था जो उसे लगातार भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने को कह रहे थे।

(सौ स्वराज सवेरा)