ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय मुख्य भवन परिसर में ध्वजारोहण करते हुए कहा कि भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है। यह विचारों, संस्कारों एवं विविधता में एकता का देश है। यदि हम अपने अच्छे इतिहास का स्मरण करें तो सारी बुराइयां अपने आप समाप्त हो जाएंगी। एक भारत- श्रेष्ठ भारत एवं संस्कार युक्त भारत की कल्पना साकार होगी। भारत सभी श्रेष्ठताओं को प्राप्त करे और विश्वगुरु बने, इसकी हम कामना करते हैं। यह सबको शिक्षा दीक्षा दे सके। आज भी भारत श्रेष्ठ माने जाने वाले देशों में एक है। इस गौरव को हमलोग मिलकर आगे बढ़ाएं। आज हमारी कल्पनाएं साकार हो रही हैं और घर- घर झंडा लहरा रहा है।
कुलपति ने 76 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि हम सब राष्ट्रध्वज के नीचे खड़े होकर नमन कर रहे हैं। भारत युवाओं का ताकतवर देश है। यह एकता और श्रेष्ठता का भी देश है। विचारों की ताकत से हमें आगे चलना है, क्योंकि विचार हमें संघर्ष करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। आजादी का महत्व सर्वत्र होता है जो विचार तत्व को उत्पन्न करता है और विजेता भी बनाता है। हमारी आजादी सहजता से नहीं मिली है, बल्कि प्राणों की आहुति देकर प्राप्त हुई है। यदि हम अपने दायित्वों को निभाते हैं तो तमाम बाधाएं दूर हो जाती हैं। वैसे एक विचारधारा वाले तो सिर्फ अधिकार पाना चाहते हैं और सभी सुविधाओं को पाने के बाद ही काम करना चाहते हैं। वहीं दूसरे सिर्फ अपने कर्तव्य को निभाना जानते हैं और जो कर सकते हैं, वे जरूर करते हैं।
कुलपति ने कहा कि जब समुद्र मंथन हुआ था तो अमृत निकला था। आज भारत संघर्ष के बदौलत अमृत काल में प्रवेश किया है। आने वाले 25 वर्ष भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगे, जिसके हम सब साक्षी बनेंगे। हमारे लिए आजादी का काफी महत्व है। विचारतत्वों से ही कोई विजेता बनता है। विजेता सब कुछ हासिल कर सकता है और जो कुछ चाहता है, वह कर पाता है।
झंडोत्तोलन के पूर्व कुलपति ने एनसीसी और एनएसएस का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा, कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद सहित विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, स्नातकोत्तर विभाग के शिक्षक- शिक्षिकाएं, कर्मचारीगण, छात्र-छात्राएं एवं एनसीसी के कैडेट्स व एनएसएस के स्वयंसेवक आदि उपस्थित थे।
झंडोत्तोलन के पश्चात् विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग के प्राध्यापक के नेतृत्व में विभागीय छात्र- छात्राओं ने राष्ट्रगान के साथ ही अन्य राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह महात्मा गांधी सदन पहुंच कर प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा तथा कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद के साथ गांधी जी की कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात् उस परिसर में झंडोत्तोलन किया। वहीं प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने नरगोना मुख्य भवन परिसर में झंडोत्तोलन किया तथा कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने कर्मचारी संघ कार्यालय में झंडोत्तोलन किया। वहीं छात्रावासों में भी ध्वजोत्तोलन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।