घरों के आसपास जलजमाव दे सकता है मलेरिया और डेंगू को न्योता
बुखार होने की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क और कराएं खून की जांच
समस्तीपुर , 18 अगस्त | शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र,लोग मच्छरों से परेशान हैं। ऐसे में मच्छरों के कारण डेंगू और मलेरिया के मरीजों के बढ़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लोगों को मच्छरों से बचाव करने और सचेत रहने की सलाह दे रहा है। ताकि, लोग जागरूक हों क्योंकि मच्छरों से होने वाली बीमारियों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस ए आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा बहुत सारी बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती । हालांकि, ये सभी बीमारियां अलग- अलग मच्छरों के काटने से होती हैं। लेकिन, सबसे अधिक मामले मलेरिया और डेंगू के ही आते हैं।
मलेरिया का तेज बुखार दिमाग पर भी चढ़ जाता है– सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने बताया, मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता और कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन निश्चित अंतराल पर आते-जाते रहता है। उन्होंने बताया कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है, जो दिमाग पर भी चढ़ जाता । इस दौरान फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है। जिसमें खून की कमी हो जाती है।
सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच व इलाज की सुविधा :
‘मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को अपने गांव की आशा दीदी या नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की सुविधा है। वहीं, आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के संभावित मरीजों की आरडीटी किट से जांच कर रही हैं। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि देने की भी व्यवस्था है। साथ ही, मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिए जाने की व्यवस्था है।
दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।
डेंगू के लक्षण :
•अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
•मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
•आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
•जी मिचलाना एवं उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
•त्वचा पर चकत्ते उभरना