यूनिसेफ के चाइल्ड हेल्थ कंसलटेंट डॉ अनुपमा झा, प्राचार्य डॉ के एन मिश्रा और अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने संयुक्त रूप से 14 दिवसीय ऑब्जर्वरशिप के आवासीय प्रशिक्षण का डीएमसीएच के शिशु विभाग के सेमिनार रूम में विधिवत उद्घाटन किया।इस प्रशिक्षण में भागलपुर की डॉक्टर दिव्यांजलि सिंह के साथ भागलपुर, बांका और अररिया की पांच नर्सेज भाग ले रही हैं।

डॉ अनुपमा झा ने अपने उद्बोधन में बताया कि एस एन सी यू के कारण ही बिहार में नवजात शिशुओं के मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।हमारा लक्ष्य 2030 तक इसे 12 से नीचे ले जाने का है।

डॉ हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग के बाद जिले के एस एन सी यू में क्या गुणात्मक सुधार आया, इस को मापने की आवश्यकता है। साथ ही यहां से प्रशिक्षित प्रतिभागियों में यह कंपटीशन की भावना भी लाना जरूरी है, जिससे कि वह अपने एस एन सी यू को दूसरों की तुलना में ज्यादा अच्छा बनाने की प्रतियोगिता में शामिल हों। डॉ मिश्रा ने कहा कि यह ऑब्जर्वरशिप ट्रेनिंग है।4 दिनों की एफबीएनसी ट्रेनिंग के बाद 14 दिन यहां के कार्य को देखकर उसे सीख कर जिलों के एस एन सी यू में लागू करना है। कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार,डॉ मोहन केजरीवाल एवं डॉ रिजवान हैदर ने भी अपने विचार रखे।
इस बैच के प्रशिक्षक डॉ कृपा नाथ मिश्रा एवं डॉक्टर ओम प्रकाश हैं। प्रतिभागियों ने आज नवजात शिशु के पुनर्जीवन का प्रशिक्षण लिया।