#MNN@24X7 पचरुखी, सिवान, जन सुराज पदयात्रा के 136वें दिन की शुरुआत सिवान के पूरब पट्टी, उखई क्रिकेट मैदान मे सर्वधर्म प्रार्थना से हुई उसके बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से संवाद किया। मीडिया से संवाद के बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पूरब पट्टी से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा बिन्दुसार हमीद, ओरमा मुकुंद, बरहन, मीरपुर, नाथछाप, सरसर, सियाडी होते हुए सरसर के पचलखी हाई स्कूल मैदान मे जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में कल नौवां दिन था। वे जिले में 12 से 15 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जायेंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उनका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 आमसभाओं को संबोधित करेंगे और 9 पंचायत के 15 गांवों से गुजरते हुए 18.3 किमी की पदयात्रा तय की।
शराबबंदी के कारण बिहार में बढ़ रहा अपराध, महगठबंधन बनने के बाद अपराधियों के हौसले बुलंद।
जन सुराज पदयात्रा शिविर में मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अपराध के किसी भी आंकड़े को एक हफ्ते के नजरिए से देख कर कोई निर्णयात्मक बात नहीं की जा सकती। अगर आप बिहार के पिछले एक साल के अपराध के आंकड़े देखेंगे, चाहे वो दलित समाज के खिलाफ अपराध हो या महिलाओं के खिलाफ अपराध या फिर डकैती, अपहरण, लूट की घटनाएं हो, सभी अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि दुसरे राज्यों से तुलना कि जाए तो बिहार में अपराध और कानून-व्यवस्था की स्थिती बिगड़ रही है। इसका मूल कारण शराबबंदी कानून लागू करना है, जिसकी वजह से प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा शराबबंदी को लागू कराने, उससे पैसा कमाने, उसको छिपाने में लगा हुआ है और कानून-व्यवस्था की जो उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है उसको छोड़ कर अगर वो दूसरे काम में लगे रहेंगे तो कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब तो ही जायेगी।
नीतीश कुमार पर कुर्सी चलने के ऊपर बोले पीके – लोगों में नीतीश कुमार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा, सुरक्षा के बल पर लोगों के गुस्से को नहीं दबाया जा सकता
पदयात्रा शिविर में मीडिया संवाद के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कल कुर्सी उछाले जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने बहुत पहले ही कहा था और आप मेरे पुराने बयान भी उठा कर सुन सकते हैं कि नीतीश कुमार जी कोई भी पब्लिक कार्यक्रम करेंगे तो उसमें इस तरह की अप्रिय घटना घटित होंगी। साथ ही मैंने नीतीश कुमार को चुनौती भी दी है कि यदि नीतीश कुमार को लगता है कि उन्होंने काम किया है तो किसी भी एक गांव या पंचायत में बिना किसी सुरक्षा के घुम के दिखा दें। जब जनता में इतनी उदासीनता है, इतना ग़ुस्सा है तो जब आप जमीन पर जाएंगे तो लोग शोर मचाएंगे ही और यदि आप सोचते है कि इनको सुरक्षा के बल पर दबाया जा सकता है तो ये गलतफहमी है। जनता जब नाराज होगी तो कुर्सी चलाएगी ही, कोई झंडा फाड़ेगा, कोई रोड पर लेटेगा। ऐसा केवल एक ज़िले में नहीं हो रहा है, ये पूरे बिहार में हो रहा है। क्योंकि लोगों में सरकार को लेकर नाराज़गी है।
तेजस्वी यादव पर प्रशांत का तंज, बोले – जो 15 साल में नौकरी नहीं दे पाए, वे डाकबंगला चौराहे पर लोगों पर लाठियां चलवा रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने एक सवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि हम पदयात्रा इसलिए कर रहे हैं ताकि बिहार के लोगों से मिले और बिहार को समझ सकें और फिर उसके बाद रोडमैप तैयार कर सके। जब तब ये नहीं पता होगा की पंचायत में समस्या क्या है तो उसका समाधान कैसे होगा। तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के वो नेता जो मंच पर खड़े होकर ये दावा करते है की मैं आपको 10 लाख नौकरियां दे दूंगा, तो वो आपको रोडमैप लगता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद वो आपके ऊपर डाकबंगला चौराहे पर लाठियां चलवा रहा है तो इसमें बिहार की जनता की गलती है। जो 15 सालों से सत्ता में होने के बाद आपको एक नौकरी नहीं दे पा रहा है और वो आकार कह रहा है की मैं आपको 15 लाख नौकरी दे दूंगा, तो उन से ये पूछना चाहिए की कैसे देंगे? अगर आप दे सकते थे तो पहले क्यों नहीं दी?