#MNN@24X7 दरभंगा, ज्योतिष, धर्मशास्त्र और व्याकरण के उद्भट विद्वान एवं तन्त्र शास्त्र के विशिष्ट ज्ञाता पं कालीकान्त मिश्र के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शुक्रवार को शोक जताया। संस्थान की ओर से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि पं कालीकान्त मिश्र के निधन से मिथिला क्षेत्र को अपूर्णीय क्षति हुई है। मिथिला विभूति एवं मिथिला रत्न सरीखे अनेक विशिष्ट सम्मानोपाधि से अलंकृत पं कालीकान्त मिश्र मिथिला के पाण्डित्य परम्परा की अंतिम कड़ी थे। उनकी ज्योतिषीय गणना अद्भुत थी और इस विधा के लिए उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली थी।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का सच्चा हितचिंतक बताया। उन्होंने कहा कि जीवनपर्यंत मिथिला व मैथिली के हितचिंतन में लगे रहने वाले पं कालीकान्त मिश्र बहुगुण संपन्न व्यक्तित्व थे। इस अवसर पर मणिकांत झा ने कहा कि दरभंगा जिला के तुमौल गांव में जन्मे पं कालीकान्त मिश्र ज्योतिष, धर्मशास्त्र और तन्त्र शास्त्र के क्षेत्र में दिए अपने योगदान के लिए सदैव जीवंत बने रहेंगे।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि शांत एवं गंभीर स्वभाव के पं कालीकान्त मिश्र कर्मनिष्ठ एवं धर्मनिष्ठ होने के साथ-साथ स्नेहिल स्वभाव के प्रतिरूप थे। उनके निधन पर प्रो जीवकांत मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो विजय कांत झा, दुर्गानंद झा, डा गणेश कांत झा, डा उदय कांत मिश्र, आशीष चौधरी, मनीष कुमार झा रघु, नवल किशोर झा, चौधरी फूलकुमार राय, पुरुषोत्तम वत्स, पंकज कुमार ठाकुर आदि ने भी शोक जताया।