फातमी ने कहा – केंद्र की सरकार भेदभाव कि कर रही है राजनीति
#MNN@24X7 दरभंगा, बिहार के दरभंगा में प्रस्तावित एम्स निर्माण पर ग्रहण लगते ही बिहार में सियासत गलियारों में सरगर्मी काफी बढ़ गई है। एक समय जब भाजपा और जदयू एक साथ बिहार में सरकार चला रही थी। तब दोनों पार्टी इसे बड़ी उपलब्धि में गिनाते थे। लेकिन, जब दोनों पार्टी का गठबंधन टूट गया है, तो दोनों पार्टी एक दूसरे पर तीखा प्रहार कर रही है। एक ओर जहां बीजेपी आरोप लगाती रही है कि दरभंगा एम्स के लिए बिहार सरकार सही जमीन मुहैया नहीं करा रही है तो बिहार सरकार केंद्र पर आरोप लगा रही है कि केंद्र काम ही नहीं करना चाहती।
इसी बीच भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सह जदयू के वरिष्ठ नेता मो अली असरफ फातमी ने बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मिथिलांचल व दरभंगा वासियों के लिए बेहद दुखद घटना है कि दिल्ली की सरकार बिहार के अंदर विकास का काम करना नहीं चाहती है। काफी दिनों से दरभंगावासी एम्स के लिए तरस रहे थे। पिछले दिनों नीतीश कुमार के मेहनत से दरभंगा के लिए जगह भी सेलेक्ट हुआ। पहले DMCH के अंदर, फिर हायाघाट के प्रखंड के अशोक पेपर मील के प्रांगण में, फिर बाद में शोभन में भूमि चिन्हित कर एम्स निर्माण के लिए जमीन दिया गया।
लेकिन, लंबे अरसे के बाद मंत्रालय ने बिहार सरकार को पत्र दिया है कि यह जमीन एम्स के भवन के लिए उपयुक्त नहीं है। मैं यह जानना चाहता हूं कि भारत सरकार बिहार को एम्स देना भी चाहती है कि नहीं। अब तो केंद्र सरकार की नियति पर शक हो रहा है। शक नहीं, अब तो कंफर्म हो गया कि ये लोग बिहार को दूसरा एम्स नहीं देना चाहती है। यानी कि जहां भी विपक्ष की सरकार है उसको केंद्र की सरकार मदद करना नहीं चाहती है। वही उन्होंने कहा कि आप देख रहे हैं कि सर्व शिक्षा अभियान, यूजीसी, इलेक्ट्रिक सिटी मैं मदद करती थी। सभी में मदद बंद हो गई है। दरभंगा एम्स सिर्फ दरभंगा के लिए नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बिहार के लिए है और मिथिलांचल के लिए तो बहुत बड़ी चीज थी।
बताते चले कि बिहार सरकार द्वारा दिये गए शोभन बाईपास वाली 150 एकड़ जमीन को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने 26 मई 2023 को पत्र जारी करते हुए रिजेक्ट कर दिया। वैसे ही राजनीति गलियारे का पारा काफी बढ़ गया है। एनडीए और महागठबंधन एक दूसरे को कसूर बार ठहरा रही है। लेकिन इसके समाधान की बात कोई दल नही कर रही है। जिससे स्थानीय लोगो मे काफी आक्रोश है।