बैंक स-समय ऋण आवेदन का करे निष्पादन-डीएम।

#MNN@24X7 दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्शदात्रि समिति की त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया।
  
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतिम तिमाही की उपलब्धि पर चर्चा की गई।
  
अग्रणी बैंक प्रबंधक ने बताया कि मार्च 2023 में कृषि क्षेत्र में 107.21 प्रतिशत, एमएसएमई में 76.19 प्रतिशत, अन्य प्राथमिक क्षेत्र में 118.54 प्रतिशत, कुल प्राथमिक क्षेत्र में 94.47 प्रतिशत एवं गैर प्राथमिक क्षेत्र में 101.23 प्रतिशत उपलब्धि रही।
    
जीविका के 34 हजार 272 एसएचजी में क्रेडिट लिंकेज किए गए, किसान क्रेडिट कार्ड में 51 हजार 143 किसानों के खाते में 631.50 करोड़ रुपये क्रेडिट किए गए।
पीएमईजीपी के अंतर्गत 299 लक्ष्य के विरुद्ध 293 आवेदन की स्वीकृति दी गई।
    
बैठक में जिलाधिकारी ने स्टार्टअप बिहार योजना, कपड़ा एवं खाद्य प्रसंस्करण के साथ बिहार सरकार के एथनॉल नीति के अंतर्गत उद्यमियों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
   
बैठक में जिले का साख जमा अनुपात राज्य औसत से कम रहने पर सभी प्रमुख बैंकों के प्रति नाराजगी जताई गई।
   
उल्लेखनीय है कि मार्च 2023 में साख जमा अनुपात में राज्य औसत 53 प्रतिशत रहा, जिलाधिकारी ने कहा कि इसका तात्पर्य है बैंक ऋण उपलब्ध कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा पंजाब नेशनल बैंक को जिला स्तरीय ऋण मेला का आयोजन करने के निर्देश दिए।
   
उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर जिला प्रशासन ऋण मेला में हर संभव सहयोग करेगी, कैनरा बैंक को ऋण आवेदन की स्क्रीनिंग जिला स्तर पर करने के निर्देश दिए गए।
   
वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिला उद्योग केंद्र के द्वारा पीएमईजीपी के लंबित आवेदन की समीक्षा में पाया गया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 33, बैंक ऑफ़ बड़ोदरा में 09, भारतीय स्टेट बैंक में 56, पंजाब नेशनल बैंक में 29, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 40 आवेदन लंबित हैं।
   
जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर इन आवेदनों को निष्पादित करने के निर्देश दिए।
   
आर सेट्टी के प्रतिनिधि ने बताया कि निर्धारित लक्ष्य  750 के विरुद्ध आर सेट्टी,दरभंगा द्वारा 833 लाभुकों को प्रशिक्षित किया है, लेकिन बैंक उन्हें ऋण देने में आनाकानी कर रह हैं।
    
जिलाधिकारी ने बैंकों को प्राथमिकता के आधार पर आरसेट्टी से प्रशिक्षण प्राप्त आवेदकों को ऋण मुहैया करने के निर्देश दिए।
    
बैठक में नाबार्ड के डीडीएम राजनंदनी द्वारा पावरप्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिले का साख- जमा अनुपात, बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराने की स्थिति, ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारभूत संरचना बढ़ाने के लिए 50 मिट्रिक टन से 05 हजार मीट्रिक टन के गोदाम निर्माण हेतु ऋण, एक हजार मीट्रिक टन के कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए ऋण उपलब्ध कराने की स्थिति को दर्शाया।
    
उन्होंने कहा कि एआईएफ (कृषि आधारभूत संरचना)एवं पीएमएफएमई (खाद्य संस्करण योजना) के लिए दिए जाने वाली ऋण में सामान्य आवेदकों के लिए 25 प्रतिशत एवं महिला अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 33 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
    
उन्होंने कहा कि दिल्ली मोड़ के आगे एआईएफ के अंतर्गत दो गोदाम का निर्माण किया गया है।
 
बैठक में उप निदेशक जन संपर्क एनके गुप्ता, प्रभारी पदाधिकारी डीआरडीए राहुल कुमार, जिला अग्रणी पदाधिकारी भारतीय रिजर्व बैंक पटना संदीप कुमार, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अजय कुमार  एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।