#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला लेखक मंच क तत्वावधान में डा विजय शंकर झा द्वारा रचित “आधुनिक मैंथिली नाटकक कथा – विन्यास विमोचन समारोह क उद्घाटन डा मदनमोहन झा विधानपरिषद आ विमोचन कयलन्हि डा भीमनाथ झा, डा टुनटुन झा, डा फूलचंद्र रमण, रमा रमन आचार्य, रामभरोस कापड़ि भ्रमर नेपाल अध्यक्षता की तथा संचालन चन्द्रेश ने किया।
इस अवसर पर डा मदनमोहन झा ने कहा कि पुस्तक की रचना सकारात्मक सोच का परिणाम है। विजय शंकर जी ऐसे ही कैई पुस्तक की रचना करें।यह मैं कामना करता हूं। डा विनय कुमार चौधरी विधायक ने कहा कि विजय शंकर जी हमारे मित्र हैं जो बहुत ही प्रतिभाशाली हैं।
कापड़ि जी कहा कि नाटक को ग्राम्य एवं शहरी शैली में बांटने की जरुरत नहीं है।नाटक की एक ही शैली है वह उसकी मुल शैली है। नेपाल में मैथिली नाटक और विद्यापति साहित्य का अनुसंधान करें। नेपाल आने का आह्वान किया।
इस अवसर पर प्रो उदय शंकर मिश्र ने कहा कि मैथिली को राजभाषा का दर्जा विहार सरकार के लाल फीता साही के कारण नहीं मिला है और मैथिली माध्यम से शिक्षा नहीं हो पा रही है। वर्तमान राजनीतिक स्थिति में मिथिला राज्य स्वप्न ही है। धूर्तसमागम के माध्यम से यहां के समाज का मुल्यांकन किया वह आज भी प्रासंगिक है। विजय शंकर जी ने भी मैथिली नाटक पर बहुमूल्य विचार रखा है।
डा योगानंद झा ने नाटक के सैद्धांतिक पक्ष एवं व्यवहारिक पक्ष अपने विचार रखे। डा शंकर झा, शैलेन्द्र आनंद, कमलेश झा, रामनारायन झा, सीताराम झा, फूल चन्द्र प्रवीण, हरिश्चंद्र हरित, विनय कुमार, संतोष, डा विद्यानाथ झा, प्रो चन्द्रमोहन झा परवा, गंगनानी, नितु कुमारी, राजेश सिंह।इस अवसर पर विभा झा सुषमा झा डा उषा चौधरी रीतू प्रज्ञा प्रतिभा स्मृति सुश्री सुसमिता झा नीतू कुमारी आदि को सम्मानित किया गया है।