#MNN@24X7 समस्तीपुर, कृषि विज्ञान केंद्र जाले दरभंगा द्वारा सीतामढ़ी के विभिन्न प्रखंडों से आए 50 कृषकों को मंगलवार को बिहार सरकार द्वारा चल रही जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की खेती का अवलोकन कराया गया।
कार्यक्रम में केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ.दिव्यांशु शेखर ने सभी किसानों को संबोधित करते हुए कहा की इस परिभ्रमण के माध्यम से किसान यह देख पाएंगे की दरभंगा जिला के किसान किस प्रकार जलवायु अनुकूल कृषि तकनीक को अपनाकर बदलते मौसम के परिवेश में भी खेती कर रहे हैं।
उन्होंने किसानों को सलाह दिया कि फसल के प्रबंध का चयन मिट्टी एवं जमीन के प्रकार के अनुसार करें, फसल की बुवाई मशीनों के द्वारा करें , फसलों में सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को अपनाने को कहा। उन्होंने गेहूं की बुवाई जीरो मशीन से करने को कहा और बताया कि इससे किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो सकता है।
डॉ. अंजली सुधाकर ने विभिन्न फसलों में उपयोग होने वाले विभिन्न यंत्रों के बारे में किसानों को जानकारी दी। प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉक्टर चंदन कुमार एवम कार्यक्रम सहायक डॉक्टर संदीप सुमन ने सभी किसानों को केंद्र में जलवायु अनुकूल खेती अंतर्गत लगे हुए धान के विभिन्न प्रभेदों, एवं बुआई तकनीक को दिखाया। कार्यक्रम में उपस्थित
कृषि विज्ञान केंद्र सीतामढ़ी के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ रणधीर कुमार, नन्दन कुमार, वरिय शोध सहायक समेत सभी कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि अंतर्गत चयनित ग्राम रतनपुर ब्रह्मपुर एवं सनहपुर में परिभ्रमण करवाया गया।
रतनपुर ग्राम के किसान श्री निरंजन ठाकुर ने सीतामढ़ी से आए किसानों को बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र जाले के सुझाव से उन्होंने धान की सीधी बुवाई विधि को अपनाया और पिछले 3 सालों से वो साल भर में तीन फसल एक खेत में लगा पा रहे हैं।
किसानों ने ब्रह्मपुर ग्राम में सामुदायिक सिंचाई के प्रत्यक्षण को भी देखा। किसानों को सनहपुर ग्राम में पान और उन्नत सब्जियों की खेती का भी परिभ्रमण करवाया जिससे किसान धान और गेहूं के अलावा अन्य फसल लगाने के लिए भी प्रेरित हो। किसानों ने परिभ्रमण की प्रशंसा करते थे कहां की इस परिभ्रमण के माध्यम से उन्हें बहुत सारी ज्ञान की बातें सीखने को मिली।