#MNN@24X7 दरभंगा, कृषि विज्ञान केंद्र जाले दरभंगा में ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए तीन दिवसीय मोमबत्ती बनाने की विधि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ गुरुवार से किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉक्टर दिव्यांशु शेखर ने बताया कि मोमबत्ती उद्योग एक ऐसा व्यवसाय है जिसे शुरु करने में बहुत ज्यादा लागत की जरूरत नहीं पड़ती है तथा इस झेत्र में रोजगार की असीम संभावना है। इसका उपयोग दीपावली, बर्थ-डे, क्रिसमस डे , उद्घाटन या धार्मिक स्थलों आदि के अवसरों में अधिक होता है । यह व्यवसाय ग्रामीण महिलाओं के लिए भी रोजगार का एक अच्छा अवसर हो सकता है ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की संचालिका गृह वैज्ञानिक पूजा कुमारी ने बताया की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जाले, जोगियारा , मुरैठा , रजौन, दरमा, बिरने, मस्सा, दोघरा, लतराहा, रतनपुर आदि गांवों से 28 ग्रामीण युवक एवम् युवतियों शामिल हुई। प्रशिक्षण के पहले दिन पूजा कुमारी ने मोमबत्ती उद्योग में उपयोग में आने वाले कच्चे सामानों जैसे की मॉम तथा इसके प्रकार, मोमबत्ती बनाने में उपयोग होने वाले अलग – अलग फ्रेम, धागा, रंग आदि की जानकारी दी।
पूजा कुमारी ने बताया कि अगर कोई ग्रामीण इस व्यवसाय को शुरू करना चाहता है तो वह कम से कम 10000 पूंजी से शुरुआत कर सकता है । साजवटी मोमबत्ती बनाने के लिए मिट्टी का दिया, कुल्हड़, अलग-अलग प्रकार के सांचे, कांच के छोटे बोतल इत्यादि का उपयोग भी किया जा सकता है । ग्रामीण इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए कच्चे सामन मुजफ्फरपुर या पटना से ले सकते हैं । कार्यकम के दौरान डॉ पवन शर्मा, तथा केन्द्र के अन्य कर्मी उपस्थित रहे।