#MNN@24X7 दरभंगा, पृथक मिथिला राज्य के गठन की मांग को लेकर रविवार को अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति, विद्यापति सेवा संस्थान, दरभंगा, मिथिला जागृति मिशन एवं विद्यापति चेतना समिति, सहरसा के संयुक्त तत्वावधान में शंकर चौक, सहरसा पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व जयराम खां ने किया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दी। धरना की अध्यक्षता विद्यापति चेतना समिति के अध्यक्ष राधाकांत ठाकुर ने की।
मौके पर डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने संबोधन में कहा कि सनातनी मिथिला को राज्य की मांग करते हुए सौ बरस से ऊपर हो गया। इस भौगोलिक क्षेत्र में बिहार से बंगाल, उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गया, मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की बात कर रहा है क्योंकि मैथिलों के लिए बिहारी शब्द मिथिला के नैतिक पहचान, नैतिक मूल्य, सभ्यता-संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है। बिहार में मैथिलों की लुप्त हो रही पहचान को बचाने एवं मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन निहायत ज़रूरी है।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि सरकारी उपेक्षा के कारण आज मिथिला के विकास की गति दिशाहीन हो गई है। शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में तीव्र पतन हो रहा है। उन्होंने कहा कि 75 वर्षों में बेरोजगारी और पलायन में बेहताशा वृद्धि हुई है। सभी मिल, उद्योग-धंधे बंद हो गए हैं।
अध्यक्षीय संबोधन में राधाकांत ठाकुर ने मिथिला एवं मैथिली के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य के जरूरत के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से रेखांकित करते हुए इसके गठन को छोटा परिवार सुखी परिवार की तर्ज पर भी उपयुक्त बताया। धरना का नेतृत्व करते हुए जयराम खां ने घोषणा की कि पृथक मिथिला राज्य के गठन की मांग के समर्थन में मिथिला के विभिन्न हिस्सों में क्रमबद्ध धरना प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
प्रमुख मांगों में मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन, मैथिली भाषा व इसकी मातृलिपि मिथिलाक्षर का संरक्षण एवं संवर्धन, बीपीएससी की परीक्षा में मैथिली विषय की पूर्ववत पुनर्वापसी, मैथिली अकादमी का स्वतंत्र स्थायित्व के अलावा 35 सूत्री मांग शामिल हैं, जिसमें नेपाल में डैम बनाकर बाढ़ का स्थाई निदान, एम्स, आईआईटी, आईआईएम, मैथिली में दूरदर्शन, आईटी पार्क की स्थापना, हाईकोर्ट बेंच की स्थापना सहित पलायन और बेरोजगारी का रोकथाम एवं आर्मी में मिथिला रेजिमेंट बनाना प्रमुख है।
प्रमुख वक्ताओं में प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई , अखिलेश तिवारी, ध्रुव भगत, केवल यादव, सुरेश्वर पोद्दार, राम शंकर सिंह, जयप्रकाश खां, मो असगर आलम, रघुनंदन पोद्दार, राज कुमार चौधरी, लोकेश चंद्र खां, संतोष ठाकुर, रामदेव गुप्ता, मो सरफराजुद्दीन, मो नजर इमाम, प्रवीण कुमार झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स आदि प्रमुख थे।