#MNN@24X7 दरभंगा, आज दिनांक 29.02.2024 को कृषि विज्ञान केंद्र, जाले दरभंगा में 2 दिवसीय प्राकृतिक खेती प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इसमें विभिन्न प्रकार से प्रयोगात्मक एवं प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को खेती करना सिखाया गया। साथ ही खतरनाक रसायन के इस्तेमाल से होने वाले मनुष्य के शरीर पर एवं मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर दुष्प्रभाव को भी विस्तार से बताया गया। केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दिव्यांशु शेखर की अध्यक्षता में चल रहे हैं प्रशिक्षण में उन्होंने बताया की रसायन के प्रयोग से भविष्य में आने वाली मनुष्य के स्वास्थ्य एवं मृदा के स्वास्थ्य पर प्रभाव से क्या-क्या नुकसान है और उनका निराकरण किस तरीके से किया जा सकता है।

केन्द्र के वैज्ञानिकों पूजा कुमारी, डॉ प्रदीप कुमार विश्वकर्मा एवं डॉ पवन कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक खेती में उपयोग आने वाले मूलभुत्व पदार्थ जैसे ब्रह्मास्त्र नीमस्त्र जीवामृत बीज अमृत फफूंद नाशक दवा इत्यादि बनाने की विधि का प्रयोगात्मक तरीके से बताया गया तथा इसको प्रयोग करना भी सिखाया गया। कृषि विज्ञान केंद्र में लगे हुए पहले से प्राकृतिक खेती के अंतर्गत परीक्षण जैसे गेहूं मसूर सरसों आदि का किसानों को भ्रमण भी कराया करें ताकि उनको देखकर विश्वास जा सके प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रशिक्षणर्थियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया और यह आश्वासन दिया गया कि भविष्य में प्राकृतिक खेती करने के लिए वह अग्रसर रहेंगे।