राजनीतिक संरक्षण व प्रशासनिक मिलीभगत को भी जांच के दायरे में लाया जाए:- आइसा, आरवाईए, ऐपवा।
#MNN@24X7 समस्तीपुर 24 जून, मुजफ्फरपुर में एक चिट फंड कंपनी की महिला कर्मियों के साथ जघन्य यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है.इस घटना को लेकर आइसा, आरवाईए, ऐपवा के द्वारा राज्यव्यापी प्रतिवाद मार्च के तहत समस्तीपुर जिला पार्टी कार्यालय से विभिन्न मार्ग होते हुए स्टेशन चौक पर तक नाराबाजी करते हुए मार्च निकाला गया, तत्पश्चात प्रतिवाद मार्च सभा में तब्दील हो गया। मार्च के नेतृत्व ऐपवा जिलाध्यक्ष वंदना सिंह, आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार, आइसा जिला उपाध्यक्ष दीपक यदुवंशी ने किया।
ऐपवा जिला अध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा है कि रोजगार के नाम पर बड़ी संख्या में लड़कियों को झांसा देकर नेटवर्किंग कंपनी से जोड़ने और उनके साथ मारपीट तथा यौन हिंसा किए जाने का मामला सामने आया है. स्थानीय थाना की भूमिका बेहद शर्मनाक रही जब एक उत्पीड़ित महिला का केस दर्ज करने से उसने मना कर दिया था. बहरहाल अब मामला सामने आ चुका है, मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम कांड के बाद दूसरा सेक्स स्कैंडल सामने आया है जिसके तार बिहार से लेकर यूपी तक जुड़े हैं. रोजगार के नाम पर युवतियों के साथ भयानक खेल खेला गया है. ऐसे मामले बार बार सामने आए. थाने में शिकायतें पहुंची लेकिन लोगों को फटकार का भगा दिया गया. लोगों ने कोर्ट में मामला दर्ज कराया लेकिन वह भी आगे नही बढ़ सका. प्रथम द्रष्टया मामला काफी संगीन लगता है और सरकारी संरक्षण के बिना इतने समय से इस घृणित खेल का जारी रहना असंभव था.
आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार यादव ने कहा कि इस घटना ने एकबार फिर से बिहार को शर्मसार किया है. पीड़ित युवती द्वारा दर्ज प्राथमिकी के सभी अभियुक्तों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो, सख्ती से पूछताछ हो और मामले की उच्चस्तरीय जांच हो. राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है, इसलिए इसकी भी जांच होनी चाहिए, आगे कहा कि नीतीश कुमार महिला सशक्तीकरण व उनकी सुरक्षा का दंभ भरते रहते हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ संगठित यौन हिंसा भाजपा-जदयू सरकार की चारित्रिक विशिष्टिता बन गई है. शेल्टर होम कांड के बाद भी सरकार ने लगता है कोई सबक नहीं सीखा.
सभी उत्पीड़ित महिलाओं को तत्काल सुरक्षा प्रदान किया जाए और उनके पुनर्वास की गारंटी करते हुए सभी दोषियों के खि़लाफ़ कड़ी कार्रवाई हो! यदि पीड़िताओं को न्याय नहीं मिलता तो आइसा, आरवाईए व ऐपवा इससे बड़ा आंदोलन में जाएंगे!
आइसा जिला उपाध्यक्ष दीपक यदुवंशी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर यौन उत्पीड़न मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही कहा है कि जांच के दायरे में राजनीतिक संरक्षण व प्रशासनिक मिलीभगत को भी लाया जाना चाहिए
मौके पर ऐपवा जिला कमिटी सदस्य निलम देवी, आरवाईए जिला कमिटी सदस्य तनजय प्रकाश, नवीन कुमार, मनीष कुमार, आइसा जिला सह-सचिव द्राक्षा जवी, जिला उपाध्यक्ष रवि रंजन कुमार, जिला कमिटी सदस्य विशाल कुमार, नवीन कुमार, शिव कुमार, भाकपा-माले जिला स्थाई कमिटी सदस्य ललन कुमार, अमित कुमार, दिनेश कुमार, आइसा-आरवाईए जिला प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह, माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार सहित दर्जनों साथी उपस्थित थे।