#MNN@24X7 दरभंगा गाजर घास जागरूकता सप्ताह कृषि विज्ञान केंद्र जाले में मनाया गया गाजर घास के हानिकारक प्रभाव की जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र जाले के अध्यक्ष डा दिव्यांशु शेखर ने बताया की गाजर घास के लगातार संपर्क में आने से मनुष्यो में एक्जिमा, एलर्जी , बुखार, दमा आदि रोग की संभावना बढ़ जाती है वहीं पशुओं के दूध में करवाहट, उत्पादन में कमी समेत अनेक रोग पैदा हो जाते हैं गाजर घास के कारण फसल उत्पादन में 40 प्रतिशत तक कमी आंकी गई है
उन्होंने बताया की इसके नियंत्रण के लिए किसानों को इसके पौधों को फूल आने से पूर्व उखारकर इकट्ठा कर जला देना चाहिए
इसकी संख्या अधिक होने पर शकनाशी रसायनो जैसे एट्राजिन, 2, 4डी, ग्लाईफोसेट आदि दवाओं का प्रयोग करना चाहिए
किसान भाई इसका प्रयोग गोबर के साथ जैबिक खाद बनाने में कर सकते हैं
कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानी डा प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया की किसानों के मध्य जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित जानकारी किसानों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देता रहता है इस क्रम में आज प्रशिक्षणार्थियों के साथ कृषि विज्ञान कमियों ने कृषि विज्ञान केंद्र परिसर के आस पास के क्षेत्र में गाजर घास उन्मूलन कार्यक्रम किया गया
केंद्र के प्रक्षेत्र प्रबंधक डा चंदन कुमार ने बताया की कृषि विज्ञान केंद्र परिसर को गाजर घास मुक्त रखने का प्रयास किया जाता है
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के सभी कर्मियों एवं प्रशिक्षनार्थियों ने भाग लिया।
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