मौत की सूचना प्रबंधन द्वारा पुलिस से नहीं छुपाया जाता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती-शशि यादव,विधायिका।
फैक्ट्री प्रदूषण नियंत्रण पर कोई काम नहीं कर रहा, किसानों का फसल, पेड़-पौधे हो रहा बर्बाद-एस० के० शर्मा,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,ऐक्टू।
अस्पताल से शव लेकर फरार हुए सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार झा गिरफ्तार हो- रणविजय कुमार, राज्य सचिव, ऐक्टू।
#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर 16 दिसंबर भाकपा माले एवं ऐक्टू की संयुक्त 5 सदस्यीय जांच दल सोमवार को विधान परिषद सदस्य सह ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव शशि यादव, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, ऐक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस० के० शर्मा, खेग्रामस जिला सचिव जीबछ पासवान, भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह एवं स्थानीय माले सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, आसिफ होदा, प्रभात रंजन गुप्ता, शंकर महतो, मो० क्यूम के नेतृत्व में सरसौना अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री पर पहुंचा।
स्थानीय मैनेजर से मिलकर जांच टीम ने मृत मजदूर सूर्यकांत राम की मौत, सदर अस्पताल ले जाने एवं चिकित्सक द्वारा मजदूर को मृत घोषित करने के बाद पुलिस अभिरक्षा से शव किस परिस्थिति में सेफ्टी मैनेजर द्वारा लेकर फरार होने, फैक्ट्री न ले जाकर फैक्ट्री से करीब 15-20 किलोमीटर की दूरी पर वैशाली के डभैत चौर किस परिस्थिति में ले जाने, मृतक की भाई की पिटाई करने, पुनः शव फैक्ट्री लाने पर लोगों के हंगामा पर पुलिस लाठीचार्ज करने, फिर भीड़ में घूसे असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर पथराव करने, मामले में 152, 153 एवं 154 /24 तीन मुकदमा दर्ज कर निर्दोष लोगों को नामजद करने, पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों के घर में घूस कर महिला-पुरूष को पिटने आदि विभिन्न विंदुओं पर बातचीत की। जांच टीम ने घटना स्थल, फैक्ट्री के इंफ्रास्ट्रक्चर एवं प्रदूषण रोकने की व्यवस्था का भी निरिक्षण किया।
तत्पश्चात टीम ने सरसौना वार्ड-13, नूराचक, मुर्गियाचक आदि से गिरफ्तार लोगों के परिजनों एवं स्थानीय ग्रामीणों से भी मुलाकात कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। पुलिस ने लड्डू लाल सिंह, ममता देवी आदि जिनके घर में घूस कर पुलिस ने महिला- पुरुष की पिटाई की, उनसे एवं उनके परिजनों से भी मुलाकात की। स्थानीय ग्रामीणों ने निर्दोष लोगों का नाम एफआईआर में दर्ज करने, 150 अज्ञात लोगों के नाम पर पुलिस द्वारा स्थानीय लोगों को परेशान करने, पिटाई करने की शिकायत की।
जांच टीम ने बताया कि पुलिस प्रशासन एवं फैक्ट्री प्रबंधन पूरी तरह घटना के लिए जिम्मेवार हैं। यदि मृत्यु की खबर पुलिस प्रशासन को दे दिया जाता। अस्पताल से शव लेकर अन्यत्र फेंकने के ख्याल से सेफ्टी मैनेजर नहीं फरार होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। उन्होंने सख्त लिहजे में एफआइआर से निर्दोष का नाम हटाने, गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इस मामले को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष चलाने,वरिय पुलिस अधिकारियों से मिलकर वार्ता करने की जानकारी दी है।