
काव्य समीक्षा-व्यथित वसन्त – समीक्षा लेखक -डा धनाकर ठाकुर।@MNN24X7
काव्य समीक्षा-व्यथित वसन्त – समीक्षा लेखक -डा धनाकर ठाकुर। विष्णुकांत मिश्रक 2020मे छपल’व्यथित वसन्त’ काव्यसंग्रहक 57 गोट कविता 104 पृष्ठ […]
काव्य समीक्षा-व्यथित वसन्त – समीक्षा लेखक -डा धनाकर ठाकुर। विष्णुकांत मिश्रक 2020मे छपल’व्यथित वसन्त’ काव्यसंग्रहक 57 गोट कविता 104 पृष्ठ […]
मिथिलाक दुर्दशा जौं, नहि दूर कय सकी तँ, विद्वान ओ धनिक भय, बाते बनाय की हो। अपना बुतय होअय जे, […]
जय जय भैरवि असुर भयाउनि, पशुपति-भामिनि माया । सहज सुमति वर दियउ गोसाञुनि, अनुगत-गति तुअ पाया। वासर रैनि शवासन शोभित, […]