कुलपति ने कहा कि रक्त एक ऐसा दान जो देने के बाद भी नहीं होता है मानव शरीर में कम।

बीएड (नियमित) के छात्र- छात्राएं सामाजिक जिम्मेदारी के तहत आपदा के समय बढ़- चढ़ कर करते हैं समाजसेवा।

बीएड (नियमित) विभाग में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 21 छात्र- छात्राओं ने किया रक्तदान।

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मानवीय रक्त बनने का मानव शरीर के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। विज्ञान और तकनीक में लगातार प्रगति होने के बाद भी रक्त बनाने का कोई दूसरा विकल्प नहीं मिल पाया है। मानव शरीर ही बड़े पैमाने पर मानव उपयोग के लिए रक्त का निर्माण करता है। उक्त बातें गुरुवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित बीएड (नियमित) विभाग में आयोजित स्वैच्छिक रक्तादन शिविर को संबोधित करते कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कही।

कुलपति ने कहा कि रक्त एक ऐसा दान है जो देने के बाद भी मानव शरीर में कम नहीं होता है और न ही शरीर को कोई हानि पहुंचाता है। रक्त की जितनी मांग है, उसकी तुलना में रक्त देने वालों की संख्या काफी कम है। इसके लिए समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, जिससे रक्तदान करने के लिए लोग आगे आएं। रक्त देने से शरीर में बीमारियां भी कम होते हैं। प्रो सिंह ने कहा कि रक्तदान करने वाले छात्र- छात्राओं का डेटा विश्वविद्यालय के पास होना चाहिए, जिससे समाज में अगर किसी भी व्यक्ति को जरूरत पड़े तो उसकी मदद की जा सके। शिविर में रक्तदान करने से प्रमाण- पत्र प्रदान किया जाता है, जिससे जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति को उतनी ही मात्रा में रक्त मिल जाता है।

मुख्य वक्ता डॉ उत्सव राज ने कहा कि आजकल ज्यादातर युवा मानसिक तनाव महसूस कर रहे हैं। युवा सही दिशा में सोचे, जिसके लिए शिक्षकों की भूमिका अहम है। इस तरह के सामाजिक जिम्मेदारी वाले कार्य करने से छात्र- छात्राओं का मानसिक- अध्यात्मिक विकास होता है। समाज में रक्तदान करने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है। रक्तदान किसी का जीवन बचाने का कार्य करता है। इसलिए लोगों को रक्तदान में बढ़- चढ़ कर भाग लेना चाहिए।

दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो हरे कृष्ण सिंह ने कहा कि बीएड (नियमित) के छात्र- छात्राएं इस तरह के सामाजिक कार्य करते रहे हैं। इससे पता चलता है कि यहां इन्हें न केवल बेहतर शिक्षा मिलती है, बल्कि समाजसेवा के लिए भी प्रेरित किया जाता है।

बीएड (नियमित) के विभागाध्यक्ष डॉ अरविन्द कुमार मिलन ने कहा कि सामाजिक जिम्मेदारी के तहत हमलोग इस तरह के कार्यक्रम लगातार आयोजित करते रहते हैं। इसी क्रम में आज का यह स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 21 लोगों ने रक्तदान किया। आपदा के समय भी हमारे छात्र- छात्राएं बढ़- चढ़ कर समाजसेवा करते रहे हैं। दो दिन पूर्व भी छात्र- छात्राओं द्वारा जरूरतमंदों के बीच वस्त्रों का वितरण किया गया था। मेरे विभाग के छात्र- छात्राएं ही मुझे प्रेरित करते हैं और विभाग केवल छात्र- छात्राओं को अवसर प्रदान करता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ रेश्मा तबस्सुम ने किया। कार्यक्रम में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गीतेन्द्र ठाकुर, पंजाब नेशनल बैंक, विश्वविद्यालय परिसर के प्रबंधक प्रमोद कुमार झा, डा आर एन चौरसिया एवं बीएड (नियमित) की डॉ शुभ्रा, डॉ कुमारी स्वर्णरेखा, डॉ मिर्जा रुहुल्ला बेग, उदय कुमार, कुमार सत्यम, डॉ जयशंकर सिंह, डॉ बबीता रानी, प्रसेनजीत राय, राजू कुमार, सुभगलाल दास, शिक्षकेत्तर कर्मी और बीएड द्वितीय एवं प्रथम वर्ष के छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।