#MNN@24X7 दरभंगा। मिथिलावादी पार्टी और मिथिला स्टूडेंट यूनियन के द्वारा पूर्व से नियोजित मिथिला राज्य आंदोलन पटना में किया गया था। इसी संदर्भ में केवटी के युवा चेहरा प्रवीण कुमार झा और सौरभ सिंह आंदोलन में गए थे इसी क्रम में सुरेश मंडल राजन राम के द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किए गए।

इस मौके पर मिथिलावादी जनसेवक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि – मिथिला राज्य 5 साल में मिले या 10 साल में पर यकीन रखिये मिलेगा जरूर। कुछ लोग आपको बोलते मिल जायेंगे कि यह आंदोलन कुछ जिलों का है तो आपके जानकारी के लिए बता दुं। झारखंड जब अलग हुआ था उस वक़्त भी 2-3 जिला और 5% लोग ही आंदोलन किये थे। ऐसे ही आप तेलंगाना में भी देखें तो यही हाल था। फिर तो निश्चित रहे कि 4-5 जिला भी ढंग से आंदोलन कर ले और 10% लोग भी इस आंदोलन में शामिल हो गये तो उस दिन राज्य अलग हो जायेगा। अब 4-5 जिला का तो राज्य बनेगा नही उसकी तो परिसीमन होती है कि मिथिला का कौन कौन सा एरिया है वो तो सबको पता है कि कौन कौन जिला मिथिला मे आता है। अब वह जिलावासी खुद सोचें कि उनको उस आंदोलन में हिस्सेदारी चाहिए कि नही। जो लड़ेगा हक़ तो उसका ज्यादा होगा।

इस अवसर पर सौरभ ने कहा- राज्य अलग होगा तो सबकुछ नया मिलेगा। क्षेत्र छोटा रहेगा तो प्रशासनिक रूप से भी मजबूत तो होंगे न आप। क्या मिला बिहार में, आज भी सड़क , स्वास्थ, रोजगार, शिक्षा, करप्शन, गुडगर्दी, इसी सबसे मुक्ति के लिए लड़ रहे हो न। झक मार रहे हो।
और बहुत लोग को देखता हूँ कि बिहार बंटवारे पर इमोशनल हो जाते हैं।उनके अंदर का बिहारी प्राउड जग जाता है। कैसा प्राउड भाई ?? वही वला प्राउड न जिसको फ़िल्म में दिखाया जाता है मर्डर, क्राइम, अपहरण, घूस, गोली यही वला प्राउड न?कौन सा जमुई का शिमंतुला (मिनी शिमला), हाजीपुर का विश्व का सबसे पहला लोकतंत्र , भागलपुर का विक्रमशिला यूनिवर्सिटी, बेगूसराय का कँवर झील, कटिहार का गोगा झील, ऐसे ऐसे हरेक जिला मे सैकड़ो टूरिज्म स्पॉट है कौन सा नांलदा, गया पटना के अलावा तुम्हारा कुछ दिखा दिया जाता है ?

कैसा गर्व बताओ न मैथिल होने पर गर्व नही है जो लाखो साल जिसका पुराना इतिहास है 100 साल पुराना इतिहास पर गर्व है नही ? एक चीज़ बताओ मान लिए की मैथिल नही हो तो बताओ बिहार तो 100 साल पहले बना है न तो तुम उससे पहले कुछ नही होगे ठीक उसी तरह जैसे तुम अपने पापा को जानते हो, दादा को जानते हो, मगर उनके दादा को नही जानते। इसका यह तो मतलब नही न कि तुम्हारे दादा के दादा समुन्दर से निकले थे।

।मौके पर वार्ड सदस्य नरेश सहनी, वार्ड सदस्य प्रतिनिधि सनाउल्ला, पंकज झा, भोला साहू राजन राम, सुरेश मंडल इत्यादि ग्रामीण मौजूद थे।