#MNN@24X7 दरभंगा। आज दिनांक 18 जनवरी को ‘जखन-तखन व्याख्यानमाला’ के तहत तिरहुतिया मंदिर विषय पर डॉ सुशांत भास्कर ने पहला व्याख्यान विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय इतिहास संकृति और पुरातत्व विभाग में दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ उदय नारायण तिवारी ने किया. सुशांत भास्कर एवं साहित्य अकादमि पुरस्कार प्राप्त अजीत आजाद को पाग और दोपटा से सम्मानित किया गया।

अतिथियों का स्वागत करते हुए पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ अयोध्या नाथ झा ने इस व्याख्यानमाला के उद्देश्य और विषय वस्तु पर प्रकाश डाला. डॉ झा ने इस व्याख्यानमाला के तहत आगामी व्याख्यानों की जानकारी दी और मिथिला की सांस्कृतिक विरासत में इसके महत्व को स्पष्ट किया।

मुख्य वक्ता डॉ सुशांत भास्कर ने मिथिला परिक्षेत्र के मंदिरों की शिल्पकला पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किये. मिथिला में विभिन्न वैदिक देवताओं को समर्पित मंदिरों की शैली उनपर कालांतर में पड़े प्रभावों और स्थानीय तत्वों को विस्तार से बताया. साथ ही लोक धर्म और लोक देवताओं के लिए बनने वाले गह्वरों एवं मंदिरों के स्थापत्य कला की चर्चा की. समय के साथ समाज में आई सम्पन्नता ने मंदिर निर्माण शैली को प्रभावित किया, साथ ही दानकर्ता द्वारा निर्मित मंदिरों की विशेषताओं को विस्तार से बताया.

अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ तिवारी ने बताया कि मिथिला में मंदिर स्थापत्य पर बहुत ही सिमित शोध हुए हैं, यह ज्ञान के क्षेत्र में लगभग अछूता विषय रहा है, इस पर शोध की आवश्यकता है. विभागाध्यक्ष ने यह भी बताया कि जहाँ अभी तक मिथिला क्षेत्र में मंदिर स्थापत्य पर न के बराबर शोध हुए हैं, अभी विभाग के कई शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में शोध प्रारम्भ किया है, आशा है कि इनके शोधप्रबंधों से नयी सूचना उभरकर सामने आयेगी.

धन्यवाद ज्ञापन मैथिली के विद्वान प्रोफेसर विभूति आनन्द ने किया. प्रोफेसर आनन्द ने आगामी व्याख्यान की तिथि और विषय की धोषणा करते हुए इसकी विशेषताओं को स्पष्ट किया.

इस मौके पर प्रो रमेश झा,प्रो अशोक कुमार मेहता,प्रो दमन कुमार झा,प्रो भक्तिभाव झा, डा मुरलीधर झा डा सुनीता झा, डॉ अभिलाषा झा, डॉ प्रतिभा किरण ,मित्रनाथ झा,प्रो उदयशंकर मिश्र वरिष्ठ इतिहासकार डॉ अवनीन्द्र कुमार झा, डॉ भास्कर नाथ ठाकुर, डॉ अरुण कुमार सिंह डॉ रामकुमार मिश्र, अरूण कुमार चौधरी प्रो दिनेश महासेठ चन्द्रमोहन झा परवा उदयकांत झा सुजीत कुमार झा सहित विभाग के शोधार्थी गण एवं छात्र गण उपस्थित थे.