– आरबीएसके के समन्वय से पटना एम्स में जल्द होगी सर्जरी
– मरीज के परिजन को नहीं होगा कोई खर्च

मधुबनी, 26 दिसंबर। बच्चे जन्म के साथ घर में खुशियां लाते हैं। लेकिन, जब उन बच्चों को जन्म से ही कोई बीमारी या समस्या हो जाती, तब माता पिता के साथ पूरे परिवार की खुशी क्षणभर में चिंता और परेशानी का सबब बन जाती है। जिले के लक्की कुमार, उम्र 10 माह, पिता कृष्णा मंडल, ग्राम- बलियार थाना- झंझारपुर, अनन्या कुमारी उम्र-20 माह, पिता सरोज पासवान ग्राम- नारार प्रखंड- कलुआही जो न्यूरल ट्यूब से ग्रसित है व साक्षी कुमारी उम्र 8 वर्ष, पिता भोगेन्द्र यादव, ग्राम -सुखेत झंझारपुर जो इम्परफोरेट एनस (गुदा का अपूर्ण विकास ) से पीड़ित है, का पटना एम्स में समुचित इलाज किया जाएगा। इन सभी बच्चों को आरबीएसके टीम द्वारा चिह्नित कर 26 दिसंबर को मधुबनी से पटना एंबुलेंस से भेजा गया। जिसमें बच्चे के साथ अभिभावक भी गए। बच्चे के अभिभावक के आने-जाने एवं खाने-पीने, इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।

आरबीएस के डीसी ने किया रेफर :
न्यूरल ट्यूब से ग्रसित बच्चे के अभिभावक ने बताया इस शरीरिक समस्या का पता लगने के बाद घर के सभी लोग काफी मायूस हो गए थे। लेकिन, चिकित्सकों ने उन्हें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के जिला समन्वयक डॉ. कमलेश शर्मा का संपर्क नंबर दिया। जिसके बाद उन्होंने आरबीएसके के डॉ. शर्मा से फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी।

आरबीएसके के समन्वय से पटना एम्स में जल्द होगी सर्जरी :
एम्स के चिकित्सकों के द्वारा जांच कर सभी बच्चे का इलाज शुरू किया जाएगा । जिसके आधार पर उसकी सर्जरी की तिथि तय की जाएगी। हालांकि, इस दौरान परिजन के लिए राहत की बात यह है कि बच्ची की इस समस्या का इलाज पूरी तरह नि:शुल्क किया गया और आगे भी किया जाएगा। जिसके कारण परिजन की आधी चिंता दूर हो गयी। अब उनका पूरा परिवार जल्द ऑपरेशन और उसके जल्द ठीक हो जाने की कामना कर रहा है।

दो प्रकार के होते हैं न्यूरल डिफेक्ट्स :
डॉ. शर्मा ने बताया कि गर्भावस्था के शुरुआती चरण में जब भ्रूण बढ़ने लगता है, तब न्यूरल ट्यूब विकसित होता है। जो आमतौर पर गर्भधारण के दो हफ्तों के भीतर शुरू हो जाता है। यह ट्यूब एक छोटे से रिबन की तरह होता है जो बाद में ब्रेन स्पाइनल कॉर्ड और नसों में विकसित होता है। कुछ वजहों से यह न्यूरल ट्यूब सही से विकसित नहीं होता है। इससे ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों के विकास में समस्याएं आने लगती हैं। महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करने वाले इस तरह के दोषों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट कहते हैं। इस तरह की स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के पहले महीने में उत्पन्न होती है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से दो प्रकार के न्यूरल डिफेक्ट्स होते हैं –
1. बाइफिडा – इसमें स्पाइनल कॉर्ड में डिफेक्ट्स होता है।
2. एनेनसिफले – इसमें ब्रेन में डिफेक्ट आ जाता है।
ये दोनों ही बीमारी जन्मजात होती है। इन बीमारियों से पूरी तरह से ठीक हो पाना मुश्किल होता है। उन्होंने बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स के कई कारण हो सकते हैं, जैसे जेनेटिक्स, न्यूट्रिशन और एनवायरनमेंट फैक्टर। इसके अलावा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स के कुछ लक्षण यथा पैरालिसिस, यूरीनरी प्रॉब्लम, डिफनेस, इंटेलक्चुअल डिसएबलिटी है।