-सिविल सर्जन ने विभिन्न पदाधिकारियों को लिखा पत्र
– 0 से 18 वर्ष के अंतर्गत रोगग्रस्त बच्चों का इलाज करवाती है आरबीएसके की टीम

मधुबनी /25 दिसंबर ।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच आंगनबाड़ी, सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में माइक्रो प्लान के अनुसार की जाती है । जांचोपरांत रोगग्रस्त पाए गए बच्चों का निःशुल्क इलाज सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त संबंधित अस्पतालों में कराया जाता है। इस आलोक में सिविल सर्जन डॉ ऋषिकांत पांडे ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बाल शिक्षा परियोजना पदाधिकारी आईसीडीएस को पत्र जारी कर विद्यालय एवं आंगनबाड़ी में नामांकित बच्चों की सूची 3 दिनों के अंदर दिए गए विहित प्रपत्र में भरकर dhsrbskmadhubani@gmail.com उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।. सभी प्रखंड अंतर्गत कार्यरत आरबीएसके के चलंत चिकित्सा दलों को पत्र जारी कर सूचित किया गया है कि आंगनबाड़ी एवं विद्यालय में नामांकित बच्चों की सूची ससमय में प्राप्त नहीं होने के कारण माइक्रो प्लान तैयार कर आरबीएसके के वेब पोर्टल पर अपलोड करने में समस्या हो रही तथा लक्ष्य के अनुरूप बच्चों की स्वास्थ्य जांच नहीं हो पा रही है।

शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए कार्य करती है आरबीएसके की टीम:

सिविल सर्जन डॉ. ऋषिकांत पांडे ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी प्रकार की गंभीर समस्या होने पर आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच भेजा जाता है। टीम में शामिल एएनएम, बच्चों का वजन, उनकी लंबाई व सिर एवं पैर आदि की माप व नाप तौल आदि करती हैं। फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किये गये बच्चों का ब्योरा तैयार करते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी बच्चों को चार मुख्य समस्याओं पर केंद्रित किया जाता है। इनमें डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी डिजीज, डेवलपमेंट डीले तथा डिसेबिएलिटी आदि शामिल हैं। इससे जुड़ी सभी तरह की बीमारी या विकलांगता को चिह्नित कर इलाज किया जाता है।

सक्रियता के साथ प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर हमारी टीम कर रही है कार्य :

आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया, समाज के अंतिम व्यक्ति को भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए हमारी टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंदों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है। यही नहीं, जरूरतमंदों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थान आने से लेकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तक हमारी टीम जरूरी सहयोग भी करती है। ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोगों को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हमारी टीम तैनात है। जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और फर्मासिस्ट शामिल हैं। वहीं, उन्होंने कहा, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि जिनका भी बच्चा हृदय रोग से पीड़ित हैं, वह अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र आकर हमारी टीम को सूचना दें। उनके बच्चे का पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज करवाया जाएगा।