भगवान बुद्ध की शिक्षाएं आज भी समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए हितकारी एवं कल्याणकारी- डा विकास सिंह।

बौद्ध धर्म का पंचशील भारतीय समाज का आधार – भिक्खु दीपरतन।

सरलता, समानता, करूणा एवं अहिंसा का मार्ग दिखाने वाला बौद्ध धर्म सदा समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा- डा चौरसिया।

#MNN@24X7 दरभंगा, मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा के समाजशास्त्र विभाग द्वारा प्रधानाचार्य डॉ दिलीप कुमार की अध्यक्षता में “बौद्ध धर्म के सामाजिक सरोकार” विषय पर बौद्ध अध्ययन विभाग, महाचूलांग कोर्नराजविद्यालय विश्वविद्यालय, थाईलैंड के भिक्खु दीपरतन का विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में अतिथि स्वागत और विषय प्रवेश कराते हुए संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ विकास सिंह ने बताया कि बौद्ध धर्म का उद्भव एवं विकास भारतीय समाज के उतार- चढ़ाव के साथ देखा जा सकता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए हितकारी एवं कल्याणकारी हैं।

विशिष्ट वक्ता भंते दीपरतन के द्वारा पंचशीलों के संदर्भ में बौद्ध धर्म के सामाजिक सरोकारों पर बेहतरीन वक्तव्य प्रस्तुत किया गया। उन्होंने परिवार, समाज, समाज के अंतर्गत बुराई और उसके खात्मे के साथ- साथ अहिंसा एवं प्रेम पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया।

विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा आर एन चौरसिया के द्वारा गौतम बुद्ध के संदेश पर प्रकाश डाला गया तथा कहा गया कि “जब- जब धरा विकल होती मुसीबतों का समय आता है। तब- तब किसी न किसी रूप मे कोई महामानव चला आता।” उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म तत्कालीन अस्त-व्यस्त भारतीय समाज को सरलता, समानता, करूणा तथा अहिंसा का मार्ग दिखाया जो युगों- युगों तक प्रकाश स्तंभ की तरह समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा। इस धर्म में भारत का संदेश विदेशों में भी रोशन किया।

प्रधानाचार्य डॉ दिलीप कुमार ने कहा गया कि कई बार ऐसा होता है कि बहुत पढ़े-लिखे व्यक्ति भी गलत कार्य कर जाते हैं।। धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ कन्हैया जी झा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता कुमारी ने किया।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के बर्सर डा अवधेश प्रसाद यादव, एनएसएस समन्वयक डा बिनोद बैठा, लब्धप्रतिष्ठत सामाजिक चिन्तक उमेश राय, डा गजेन्द्र भारद्वाज, डा संजय कुमार, डा रवि कुमार राम, डा परमेन्द्र मिश्रा, डॉ हेमन्त कुमार ठाकुर, डा पूजा यादव, डॉ निशा, डॉ फारूख आजम, डा कृष्णा सहित अनेक शोधार्थी और छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।