उच्च तकनीकी शिक्षा में मैथिली की जमेगी धाक।

कुलपति करेंगे उद्घाटन , वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के पदाधिकारी भी होंगे शामिल

#MNN@24X7 दरभंगा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की पहल से साफ जाहिर हो गया है कि बहुत जल्द उच्च शिक्षा में भी मैथिली की अपनी अलग पहचान रहेगी। अंग्रेजी व हिंदी के साथ साथ मैथिली यानी त्रिभाषी शब्द संग्रह तैयार करने के लिए आयोग ने एक विस्तृत रोड मैप बनाया है।

इसी के तहत संस्कृत विश्वविद्यालय में 23 से 27 मार्च यानी पांच दिनों तक प्रतिदिन वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दावली निर्माण करने के लिए विशेषज्ञ सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक का उदघाटन कुलपति डॉ शशिनाथ झा करेंगे।

उक्त जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकांत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन के संदर्भ में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्चतर शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक दीपक कुमार ने इस आशय का पत्र कुलपति डॉ झा को लिखा है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मातृभाषा में शिक्षण के अंतर्गत मूलभूत सूचना प्रौद्योगिकी के शब्द संग्रह का अंग्रेजी-हिंदी-मैथिली संस्करण निर्माण करने के लिए वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग विषय विशेषज्ञों की टीम को संस्कृत विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया है।

बैठक की सारी व्यवस्था सूचना वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम मिश्रा के जिम्मे दिया गया है।बताया गया कि मैथिली पर विशेष फोकस करते हुए शब्द संग्रह किया जाएगा जो अंग्रेजी व हिंदी के साथ रहेगा। इसलिए आयोग द्वारा आहूत इस महत्वपूर्ण बैठक में हिंदी, अंग्रेजी के साथ मैथिली के विद्वान भी रहेंगे। बैठक का लब्बोलुआब यह है कि अधिक से अधिक मैथिली में वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दों का निर्माण हो। ताकि एनईपी,20 के अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने के मुख्य उद्देश्य की पूर्ति कायदे से हो सके।