-आरती कंसिल ने कहा – इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन से विजुअल क्लास के संचालन के लिए तकनीक की जानकारी आवश्यक।

-ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय की ओर से इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन के संचालन को लेकर प्राध्यापकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित।

-खाली समय में भी रिकॉर्ड वीडियो देखकर विद्यार्थी उठा सकते हैं लाभ : प्रो. सुरेंद्र कुमार।

#MNN@24X7 दरभंगा। इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन का फायदा तभी छात्र-छात्राओं को मिलेगा जब शिक्षक तकनीकी रूप से दक्ष होंगे। इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन में इंटरेक्टिव बोर्ड से विजुअल क्लास के संचालन के लिए तकनीक की जानकारी आवश्यक है। उक्त बातें शुक्रवार को ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय की ओर से इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन के संचालन को लेकर प्राध्यापकों के लिए राजनीति विज्ञान विभाग के कौटिल्य सभागार में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन सामाजिक विज्ञान, मानविकी और वाणिज्य संकायों के प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए प्रशिक्षक आरती कंसिल ने कहीं।

कंसिल ने कहा कि इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन आज के आधुनिक युग का एक जरूरी हिस्सा बन गया है। स्कूल-कॉलेज से लेकर छोटे-बड़े दफ्तरों के साथ-साथ सरकारी संस्थानों में भी इसका उपयोग हर रोज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे आज के दौर में इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन को देख कर या इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन का नाम सुनते ही मन में उत्सुकता होती है। इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन को कंप्यूटर, पीडीएफ, वीडियो व अन्य के माध्यम से जोड़कर उपयोग में लाया जाता है, जिससे हमें एक बड़ा इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन मिलता है, जिस पर हमें किसी वीडियो, गेम, किसी वस्तु के फोटो या टेक्स्ट को बड़े ही आसानी से व्याख्या करके साफ, स्वच्छ और सुंदर ढंग से दिखाने समझने और समझाने में मदद मिलता है।

ल. ना. विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी प्रो. सुरेंद्र कुमार ने प्रशिक्षण शिविर में शामिल सभी प्राध्यापकों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रतिदिन के लिए गए वर्गों को लम्बे समय तक सेव करके रखना और जरूरत पड़ने पर दोबारा उसे देखने का कार्य इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन के माध्यम से किया जा सकता है। खाली समय में भी रिकॉर्ड वीडियो देखकर विद्यार्थी इसका लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन स्थापित करने वाली कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञों की ओर से इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन के संचालन में तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ है। ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय के सभी विभागों में इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन की व्यवस्था हो चुकी है।

प्रशिक्षण शिविर का सफलतापूर्वक संचालन के साथ माननीय कुलपति सभी शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। ताकि, इस प्रशिक्षण का लाभ बच्चों को मिल सके। प्रशिक्षण शिविर में मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. ए.के. बच्चन, राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव, मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश झा, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र साह, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू राय, आइक्यूएसी के निदेशक डॉ. मो. ज्या हैदर के साथ मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, संस्कृत, भूगोल, उर्दू, समाजशास्त्र, गृह विज्ञान, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, हिंदी, अर्थशास्त्र, इतिहास, मैथिली और वाणिज्य विभाग के सभी प्राध्यापकों के साथ आईटी सेल के प्रतिनिधि गणेश पासवान, मुकुंद झा, एसटी हसन व अन्य शामिल थे। प्रो. कुमार ने बताया कि 25 फरवरी को विज्ञान संकाय और संगीत एवं नाटक विभाग के प्राध्यापकों के साथ पहले दिन उपस्थित नहीं हो सके प्राध्यापकों के लिए विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के सभागार में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा।