अन्नदाता पर लाठी- गोली बर्दाश्त नहीं- ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह।

किसान की दोगुनी क्यों नहीं मोदी सरकार जबाब दो- सुरेंद्र प्रसाद सिंह।

किसान विरोधी सरकार को 2024 में किसान सत्ता से बेदखल करेगी- मनोज कुमार सिंह।

#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर, 22 फरवरी, प्रदर्शनकारियों ने फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों का कर्ज माफ करने, 2020 बिजली विधेयक वापस लेने आदि की मांग को लेकर दिल्ली के सीमा पर जारी किसान आंदोलन पर पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ एवं किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों ने अखिल भारतीय किसान महासभा के झंडे- बैनर तले जुलूस निकालकर प्रधानमंत्री का पूतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया।

बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में प्रखंड के किसान नेशनल हाईवे स्थित मोतीपुर सब्जी मंडी चौक पर एकत्रित होकर अभाकिम के झंड़े -बैनर एवं मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां अपने-अपने हाथों में लेकर विरोध मार्च निकाला। “किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं प्रधानमंत्री जबाब दो”, “उधोगपति का कर्ज माफ तो किसानों का कर्जमाफी क्यों नहीं मोदी सरकार जबाब दो”, “कृषि पर उधोगपति को कब्जा दिलाने का साजिश बंद करो” आदि नारे लगाकर मार्च नेशनल हाईवे से गुजरते हुए मंडी चौक पहुंचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया।

सभा की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने किया। राजदेव प्रसाद सिंह, बासुदेव राय, मनोज कुमार सिंह, रत्न सिंह , ललन दास, रवींद्र प्रसाद सिंह, मोतीलाल सिंह, राजाराम राय, गुलाब सिंह , रंजीत सिंह, भोला पंडित, कैलाश सिंह , गनौर सिंह, भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, आदि ने सभा को संबोधित किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में किसान नेता ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि चुनाव पूर्व भाजपा को सत्ता में लाने पर एमएसपी लागू करने का वादा करने वाली मोदी सरकार सत्ता में आते ही अपने वादा से मुकर गई। किसानहित की दुहाई देने वाली सरकार कारपोरेट घराने के पक्ष में कानून बनाने लगी। कृषि को कारपोरेट कब्जा से बचाने के लिए संघर्षरत किसान से सरकार वार्ता भी की, मांग को पूरा करने का वादा भी किया, कमिटी भी बनाई गई लेकिन मांग नहीं माना गया। फलत: किसानों ने अल्टीमेटम देकर पुनः आंदोलन शुरू किया। सरकार वार्ता करने, मांग पूरा करने के बजाय आंदोलनरत किसानों पर पुलिस को आगे कर दमन चला रही है। राम को लाने के लिए अंगना बुहारने वाली सरकार किसान के रास्ते पर कील ठोंक रही है, अश्रुगैस के गोले दागे रही है, पैलेट गण चला रही है। यह अन्नदाता के साथ नाइंसाफी है और इस नाइंसाफी के खिलाफ किसानों से आंदोलन तेज करने का आह्वान किया गया।

अंत में प्रधानमंत्री का पूतला फूंक कर विरोध जताते हुए 2024 के आम चुनाव में भाजपा के मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प दोहराया।