#MNN@24X7 दरभंगा, मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार डा दयानंद झा के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने सोमवार को शोक जताया। संस्थान की ओर से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि डा दयानंद झा के निधन से मिथिला-मैथिली की अपूर्णीय क्षति हुई है। वे मैथिली साहित्य जगत के एक निर्भीक एवं स्वाभिमानी हस्ताक्षर के रूप में हमेशा जीवंत बने रहेंगे। वे मिथिला के शैक्षणिक विकास को लेकर न सिर्फ जीवन पर्यन्त संवेदनशील रहे, बल्कि अपनी रचनाओं से उन्होंने भावी पीढ़ी का यथोचित मार्गदर्शन भी किया।

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का सच्चा हितचिंतक बताया। उन्होंने कहा कि जीवनपर्यंत मिथिला व मैथिली के हितचिंतन में लगे रहने वाले डा दयानंद झा बहुगुण संपन्न व्यक्तित्व थे। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि मैथिली साहित्य के क्षेत्र में दिए अपने संवेदनशील योगदान के लिए वे सदैव अमर रहेंगे।

मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि शांत एवं गंभीर स्वभाव के डा दयानंद झा कर्मनिष्ठ एवं धर्मनिष्ठ होने के साथ-साथ स्नेहिल स्वभाव के प्रतिरूप थे। उनके निधन पर प्रो जीवकांत मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो विजय कांत झा, प्रो चन्द्रशेखर झा बूढ़ाभाई, दुर्गानंद झा, डा गणेश कांत झा, डा उदय कांत मिश्र, आशीष चौधरी, मनीष कुमार झा रघु, नवल किशोर झा, चौधरी फूलकुमार राय, पुरुषोत्तम वत्स, पंकज कुमार ठाकुर आदि ने भी शोक जताया।