जन सुराज पदयात्रा का 76वें दिन – पूर्वी चंपारण से शिवहर पहुंचे प्रशांत किशोर, कहा – मुझे अफसोस है कि मैंने नीतीश कुमार की मदद की।

#MNN@24X7 16 दिसंबर, पुरनहिया, शिवहर। जन सुराज पदयात्रा के 76वें दिन की शुरुआत ढाका के भंडार पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ भंडार हाई स्कूल से निकल कर जिहुली उत्तर के रास्ते शिवहर के अंबा कला उत्तर, दोस्तिया, बसहिया शेख, मेसौढा से होते हुए पुरनहिया प्रखंड के कोल्हुआ ठिहका पंचायत में सोनौल सुल्तान हाई स्कूल में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचे।

प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 850 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक 300 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। शिवहर में वे लगभग 8 से 10 दिन रुकेंगे और अलग अलग गांवों-प्रखंडों में जाएंगे।

शिवहर जिले में हुआ प्रशांत किशोर का जोरदार स्वागत।

पूर्वी चंपारण और शिवहर के सीमा पर सैकड़ों की संख्या में शिवहर निवासी प्रशांत किशोर का स्वागत करने पहुंचे। गाजे-बाजे और घोड़ों के साथ लोगों ने प्रशांत किशोर सहित सैकड़ों पदयात्रियों का स्वागत किया और साथ में चले। शिवहर आगमन पर प्रशांत किशोर ने अंबा उत्तरी पंचायत में स्थानीय मीडिया से बात की और जन सुराज पदयात्रा के बारे में बताया और वर्तमान राजनीतिक हालातों पर भी बात की।

जन सुराज अभियान का उद्देश्य समझाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज जन जागरण का अभियान है। एक ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास है जिसमें वार्ड सदस्य से लेकर मुख्यमंत्री तक समाज से निकाला हुआ सही व्यक्ति हो। कोई भी एक व्यक्ति या एक दल बिहार को नहीं सुधार सकता। जब तक बिहार की जनता नहीं जागेगी तब तक कोई बिहार को सुधार नहीं सकता।

बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई दर्जनों मृत्यु पर प्रशांत किशोर ने दुख व्यक्त किया और शराबबंदी को एक विफल योजना बनाते हुए इसे 48 घंटे के भीतर रद्द करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने भाजपा, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तीनों पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी सरकार जिसके क्षेत्र में 50 लोगों की मृत्यु होगी, वो संवेदनशील होगी, शोकाकुल होगी। महात्मा गांधी को जितना मैंने पढ़ा है, उन्होंने कहीं नहीं कहा है कि शराबबंदी सरकार द्वारा कानून पास कर किया जाए। बिहार में कहीं शराबबंदी तो जमीन पर दिख नहीं रही, हर जगह होम डिलीवरी हो रही है।

मुझे अफसोस है कि मैंने नीतीश कुमार की मदद की है: प्रशांत किशोर।

नीतीश कुमार के ‘जो पिएगा वो मरेगा’ वाले बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा, “मुझे अफसोस है कि मैंने 2014-15 में नीतीश कुमार की मदद की है। मैं उस नीतीश कुमार को जनता हूं जिसने वाजपेई सरकार से रेल दुर्घटना पर इस्तीफा दे दिया था। वही नीतीश कुमार कोरोनाकाल में बिहार के हजारों लोगों के मर गए, बिहार के लड़के पैदल चलकर घर लौटें और ये अपने बंगले से बाहर नहीं निकलें। नीतीश कुमार आज 50 लोगों की मृत्यु पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं, जो पिएगा वो मरेगा ही। ऐसे अहंकारी और असंवेदनशील व्यक्ति का नाश निश्चित है। उनका बयान मानवता के नाम पर धब्बा है।

प्रशांत किशोर कल पुरनहिया प्रखंड के सोनौल सुल्तान हाई स्कूल में रुकेंगे और जिले भर के लोगों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे पिपराही और पुरनहिया प्रखंड के जन सुराज अभियान समिति के सदस्यों, पंचायती राज व्यवस्था के स्थानीय जनप्रतिनिधियों, महिलाओं और युवाओं के साथ अलग-अलग कई बैठकों में संवाद करेंगे।