शोक सभा आयोजित।

#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शशिनाथ झा ने कहा डॉ कालीकान्त मिश्र के निधन से शिक्षा के क्षेत्र खासकर संस्कृत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। वे ज्योतिष शास्त्र के साथ साथ पुराण, तंत्र शास्त्र, कर्मकांड समेत अन्य प्राच्य विषयों के प्रकांड विद्वान थे। उनके चले जाने से एक युग का अंत हो गया। विश्वविद्यालय मुख्यालय के दरबार हॉल में आयोजित शोक सभा की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ झा ने उक्त बातें कही।

इस मौके पर शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए प्रभारी कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह ने बताया कि डॉ मिश्र ने 16 अप्रैल को अपने स्थानीय आवास पर अंतिम सांस ली। उन्होंने अक्टूबर 1962 से जनवरी 2004 तक इसी विश्वविद्यालय के अधीन ज्योतिष विषय मे शिक्षण कार्य किया था। वे विभाग अध्यक्ष भी रहे थे। 79 वर्ष की अवस्था मे भी वे संस्कृत शास्त्रों का अध्ययन व अध्यापन किया करते थे।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि मृतात्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया । शोक सभा मे मुख्य रूप से डॉ श्रीपति त्रिपाठी, डॉ पवन कुमार झा, डॉ शिवलोचन झा, डॉ दिनेश झा, डॉ दिनेश्वर यादव, डॉ उमेश झा समेत विश्वविद्यालय के सभी कर्मी शामिल थे।