#MNN@24X7 जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के बनियापुर में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान तीन शब्द अफसरशाही, भ्रष्टाचार और सरकारी योजनाओं में काटा जाने वाला पीसी सबसे ज्यादा सुनने को मिलता है। इन तीनों से करीब – करीब हर व्यक्ति चाहे वो अमीर, गरीब, सत्ता का भागीदार या सत्ता का विरोधी पक्ष सभी अफसरशाही से परेशान हैं। असफर अपने हिसाब से काम करते हैं, वो जो चाहते हैं वही काम होता है। आप चाहे जनप्रतिनिधि ही क्यों न हो। यही हाल सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार का है।

उन्होंने कहा कि आप चाहे कितनी ही ईमानदारी से काम क्यों नहीं करवा रहे हैं, लेकिन सरकारी विभागों में आपको पैसा देना ही पड़ेगा। योजना चाहे केंद्र की हो या राज्य की हर योजना में व्यवस्थित तरीके से 30 से 40 प्रतिशत पीसी काटा जा रहा है और इस व्यवस्था को संस्थागत बना दिया गया है। लोगों को भी समझ आ गया है की योजना आएगी तो इसमें इतना पीसी कटेगा ही। पीसी का आलम ये है की मुखियाओं के वित्तीय वर्ष के बजट में भी 20 प्रतिशत पीसी काटा जाता है तो चाहे जनप्रतिनिधि हो या आम जनता वो अफसरशाही, भ्रष्टाचार और पीसी से परेशान हैं।