#MNN@24X7 अयोध्या, रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को 500 सालों के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है।अब रामनवमी को लेकर रामनगरी अयोध्या में जोरशोर से तैयारी चल रही है।इसी क्रम में रामलला के माथे पर सूर्य तिलक की तैयारी चल रही थी।इसके लिए वैज्ञानिकों की कई टीमें इस परीक्षण में जुटी हुई थीं कि किस तरह से रामनवमी के दिन रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया जा सकता है।इसी का गुरुवार को सफल परीक्षण किया गया।इसका वीडियो भी सामने आया है।

परीक्षण का वीडियो आया सामने।

सूर्य तिलक के परीक्षण में आए वीडियो में देखा जा सकता है कि सूर्य की सीधी किरणें रामलला के ललाट पर पड़ रही हैं। सूर्य की ये किरणें इस तरह से चमक रही हैं, जैसे खुद सूर्यदेव भगवान रामलला का तिलक कर रहे हैं। वीडियो में सूर्य तिलक का ये क्षण अद्भुत दिख रहा है। बता दें कि राम मंदिर का गर्भगृह ऐसे बनाया गया है कि रामनवमी के दिन रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़े। राम मंदिर में रामनवमी के मौके पर 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा मिलेगी। ये व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी।

राम मंदिर में पहली बार मनाई जा रही रामनवमी।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि जब मंदिर पूरा हो जाएगा, शिखर बन जाएगा, तब शिखर पर एक डिवाइस लगाकर हर रामनवमी पर भगवान राम का सूर्य तिलक होगा, लेकिन इसके लिए भक्तों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।ऐसी कोशिश की जा रही है कि इस बार भी रामनवमी पर सूर्य तिलक किया जा सके। हालांकि अभी शिखर बना नहीं है, लेकिन मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर ही ये डिवाइस रखी गई है और रामनवमी पर भगवान राम की मूर्ति के मस्तिष्क पर दोपहर 12 बजे सूर्य तिलक कराने की तैयारी चल रही थी। इस काम के लिए रुड़की के वैज्ञानिकों को लगाया गया था, जिसमें अब सफलता मिल गई है।

श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाएं।

रामनवमी के मौके पर रामनगरी अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। रामलला को सुबह, दोपहर और रात में राग भोग और श्रृंगार में लगभग 4 घंटे लगते हैं। इसके अलावा 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन, जूता-चप्पल, सामान रखकर मंदिर आने की सलाह दी गई है। श्रद्धालुओं के राम जन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक 50 स्थानों पर पीने की पानी की व्यवस्था की जाएगी। जूट का कारपेट बिछेगा। छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं। प्रसाद के साथ-साथ ओआरएस घोल भी श्रद्धालुओं को दिया जाएगा, जिससे गर्मी में उन्हें एनर्जी मिलती रहे। रामनवमी के मौके पर 15 से 18 अप्रैल तक पास की व्यवस्था निरस्त रहेगी।