04 बाल श्रमिकों को कराया गया विमुक्त।

#MNN@24X7 दरभंगा, 20 सितम्बर 2022 :- श्रम अधीक्षक, दरभंगा राकेश रंजन के नेतृत्व में सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक-सह-नोडल पदाधिकारी, मानव व्यापार निरोधी इकाई, कार्यालय दरभंगा से 01 हवलदार और 04 सिपाही, eficor के सदस्य, चाइल्डलाइन की टीम की संयुक्त टीम के साथ दरभंगा जिला अन्तर्गत नियमित धावा दल के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जाँच अभियान चलाया गया।
 
जाँच दल द्वारा जिले के 04 प्रतिष्ठान यथा – पूजा स्वीट्स, हज़मा चौराहा, गोकुल स्वीट्स, शोभन चौक, मोनू ऑटो पार्ट्स, बिजली हॉल्ट गुमटी नम्बर – 32 एवं सत्या स्वीट्स, बिजली हॉल्ट, गुमटी नम्बर – 32 से 01-01 बाल श्रमिक कुल – 04 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया।
 
उन्होंने बताया कि विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है। इसके साथ ही बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम – 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
  
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अन्तर्गत गैर-कानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 02 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है।
  
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम.सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से 20 हजार रूपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी, जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास-सह-कल्याण कोष में जमा किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्रवाद अलग से दायर किया जाएगा।
  
धावादल टीम के सदस्य के रूप में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, दरभंगा सदर दिलीप कुमार,  श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जाले, मनीष कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सिंहवाड़ा लक्ष्मण कुमार झा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी केवटी विष्णुधर शर्मा, चाइल्डलाइन के सदस्य अमरेश कुमार झा, eficor के सदस्य-निवेश कुमार, पुलिस केन्द्र, दरभंगा से 01 हवलदार एवं 04 सिपाही शामिल थे।
  
श्रम अधीक्षक के द्वारा अपनी टीम के साथ शहर के हज़मा चौक से शोभन चौक होते हुए बिजली हॉल्ट गुमटी नम्बर – 32 स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठानों में सघन जाँच की गई तथा सभी नियोजकों से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया तथा सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर से संबंधित स्टीकर भी चिपका गया।
  
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के अलावा सभी अनुमण्डल मुख्यालय एवं प्रखण्ड मुख्यालयों में भी  संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं ऐसे नियोजकों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।