जल्द होगी डिजिटाइजेशन की नई व्यवस्था।

#MNN@24X7 दरभंगा, बहुत जल्द संस्कृत विश्वविद्यालय प्रबधन में डिजिटाइजेशन का नया रूप देखने को मिलेगा। इससे नामांकन से लेकर परीक्षा परिणाम तक की सारी प्रक्रियाएं ऑनलाईन होगी और वह भी नए मॉड्यूल में। बेशक कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा और इसका ज्यादा लाभ छात्रों को मिलेगा। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय की मौजूदगी में उनके कार्यालयीय कक्ष में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का उपक्रम ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया प्रा0लि0 (बीईसीआईएल यानीबेसिल) के तीन सदस्यीय विषेषज्ञों की टीम ने प्रोजेक्टर पर प्रस्तुति दी।

इस दौरान विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय के लिए तैयार किये गए नए नए मॉड्यूल के माध्यम से विस्तार में यह बताने का भरपूर प्रयास किया कि नई डिजिटाइजेशन की व्यवस्था से विश्वविद्यालय की समस्त प्रबन्धन इकाई अपटूडेट हो जाएगी। टीम ने यह भी बताया कि किस प्रोसेस से नामांकन आवेदन किया जाएगा, फिर फाइनल नामांकन के लिए कौन से प्रक्रिया होगी। ऐसे ही परीक्षा विभाग के सारे कार्यों को ऑनलाईन किस मॉड्यूल से सम्पादित किया जाएगा, इसे भी टीम ने समझाया।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम राजभवन के निर्देश पर नए मॉड्यूल को समझने विश्वविद्यालय आयी थी। टीम ने स्पष्ट कहा कि डिजिटाइजेशन के नए मॉड्यूल लागू हो जाने से विश्वविद्यालय की समेकित प्रबन्धकीय व्यवस्था बदल जाएगी और कार्यों में तेजी आ जायेगी। मालूम हो कि विश्ववविद्यालय और बेसिल के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग(एमओयू) होना अभी शेष है।

वहीं मौके पर कुलपति प्रो0 पांडेय ने कहा कि मौजूदा दौर में डिजिटाइजेशन से कौन पीछे रहना चाहता है। हमलोग उम्मीद करते हैं कि विशेषज्ञों ने जो प्रजेंटेशन दिया है उसके अनुरूप कार्यों को करने से बेशक विश्वविद्यालय और छात्रों को लाभ मिलेगा। आगे की जो प्रक्रियाएं हैं उसे जल्द पूरी की जाएगी ताकि यहां नए मॉड्यूल में सभी कार्य होने लगे।

प्रजेंटेशन के मौके पर कुलपति प्रो0 पांडेय, कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह, वित्त पदाधिकारी डॉ जयकिशोर चौधरी, परीक्षा नियंत्रक शैलेन्द्र मोहन झा, सूचना वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम मिश्रा, डॉ.रामसेवक झा, डॉ.यदुवीर स्वरूप शास्त्री, राजेश कुमार झा मुख्य रूप से उपस्थित थे। सभी ने प्रस्तुतिकरण से जानकारी हासिल की।