•ह्रदय रोग वाले बच्चों की होगी जांच व इलाज

#MNN@24X7 मधुबनी , 21 मार्च, स्वास्थ्य विभाग द्वारा ह्रदय रोग से ग्रसित 47 बच्चों को आवश्यक जांच व इलाज के लिए सोमवार देर रात को उनके परिजनों के साथ पटना भेजा गया । वहीं 20 अन्य बच्चे को भी मंगलवार की रात को भेजा जाएगा । जहां बच्चों का इलाज, परामर्श तथा ऑपरेशन के लिए रेफर किया जाएगा।

विदित हो कि ह्रदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई है। सभी बच्चों का इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद के सहयोग से बाल ह्रदय योजना के तहत निःशुल्क जांच के लिए शिविर का आयोजन किया गया है । सभी चिह्नित बच्चों के साथ परिजनों को 102 एंबुलेंस के माध्यम से भेजने व वापस ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। बच्चों के साथ एक आयुष चिकित्सा फार्मासिस्ट को भी भेजा गया ।

सिविल सर्जन डॉ. ऋषिकांत पांडे ने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल ह्रदय योजना की मदद से इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज होता है। बच्चों का पटना स्थित इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष शिविर के दौरान चिकित्सक रोग की गंभीरता की जांच करते हैं । आवश्यकता पड़ने पर उनके ऑपरेशन की व्यवस्था अहमदाबाद में की जायेगी। इस योजना के तहत बच्चों के इलाज तथा परिजन के आने जाने के सभी खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है ।

क्या है बाल हृदय योजना:

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार बाल हृदय योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। वहीं ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ने पर बच्चों को राज्य सरकार अपने खर्च पर अहमदाबाद भेजती और वहां स्थित श्री सत्य साईं अस्पताल में ऑपरेशन किया जाता है। जिसका पूरा खर्च बिहार सरकार के द्वारा वहन किया जाता है।

जरूरतमंद ह्रदय योजना का उठायें लाभ:
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ कमलेश शर्मा ने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल के बच्चों के लिये इलाज की व्यवस्था है। इसमें बाल हृदय योजना भी शामिल है। इस योजना के तहत हृदय में छेद सहित विभिन्न तरह के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का इंतजाम है। रोगग्रस्त बच्चों की पहले विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जरूरी जांच की जाती है। फिर जरूरी पड़ने पर उन्हें बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में आने वाला खर्च सरकार वहन करती है। आम लोगों को सरकार की इस महतवाकांक्षी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिये।