जिला में छह प्रतिशत फाइलेरिया के मरीज- सीएस

दरभंगा. 7 जुलाई. स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से की गयी. सिविल सर्जन अनिल कुमार सिन्हा ने फाइलेरिया की दवा खा कर इसकी शुरुआत की. साथ ही फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिला में दवा वितरण शुरू किया गया.

मौके पर सीएस ने बताया कि वर्तमान में जिले में छह प्रतिशत फाइलेरिया के मरीज है. यह आंकड़ा बहुत ही अधिक है. केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के अनुसार फाइलेरिया का मरीज एक प्रतिशत ही होना चाहिए. वैसे मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिन्हित किया गया है. बताया कि.इस बीमारी पर नियंत्रण को लेकर यह अभियान चलाया जा रहा है.

यह अभियान सात जुलाई से 20 जुलाई तक चलाया जायेगा. डीआईओ डॉ. अमरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में अगले 14 दिनों तक सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए आशा घर-घर जाकर दो साल से अधिक उम्र के लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलाएंगी.

बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है. जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है. कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्ष्ण सामने आने में वर्षों लग जाता है. उन्होंने बताया लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें. साथ ही दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रोग से ग्रसित एवं गर्भवती महिला को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी.

अंतिम दिन छूटे हुये बच्चों को दी जायेगी दवा

डीआइओ ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन के तहत यह अभियान 14 दिनों चलाया जायेगा. इसके तहत आगामी छठे दिन तक दवा खिलाई जाएगी. वहीं आठ से 13 वें दिन तक छूटे हुए घरों में दवा खिलाई जाएगी. फिर भी अगर कोई छूट जाता है तो 14 वें दिन भी उनको दवा खिलाई जाएगी. बताया कि यह हमेशा याद रखना है कि एलबेंडाजोल की गोली को हमेशा चबाकर ही खाना है. कहा कि फाइलेरिया में लक्षण उभरने में 10 से 15 वर्षों का समय लगता है. इसलिये इसका बचाव ही इसका इलाज है.

एसे खानी है दवा :

डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. दिलिप झा ने बताया अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जाएगी. बताया कि दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. डॉ झा ने कहा कि एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है.

क्या है फाइलेरिया:

डीएमओ डॉ जेपी महतो ने कहा कि इसे हाथीपावं रोग के नाम से भी जाना जाता है . बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया की शुरूआती लक्ष्ण होते हैं. यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है . आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है .फाइलेरिया से जुडी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा( पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील(अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. मौके पर सीडीओ डॉ. अशोक सिंह ,पीएचसी प्रभारी डॉ. तारीक मंजर, बहादुरपुर देकुली पंचायत के मुखिया सुरेश कामत, बीसीएम मनोज कुमार, डॉ. सविता कुमारी, स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार पासवान सहित पीएचसी के डॉक्टर एवं एएनएम मौजूद थे.