वाराणसी।देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सावन के पहले सोमवार पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।आध्यात्मिक नगरी काशी में हर तरफ बोल-बम, बोल-बम, हर-हर महादेव के जयकारे सुनाई दे रहे थे।मां गंगा के घाट से लेकर काशी विश्वनाथ धाम और गोदौलिया-मैदागिन के पार तक का इलाका कांवड़ियों के भाव से केसरिया रंग में नजर आया। कड़ी धूप में भी देवाधिदेव महादेव के भक्तों का उत्साह कम नहीं रहा।
काशी विश्वनाथ धाम में मंगला आरती से शुरू हुआ दर्शन पूजन और जलाभिषेक का सिलसिला अनवरत जारी रहा। शाम पांच बजे तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में माथा टेका। बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक गर्भगृह के बाहर लगे अरघे से किया गया।ये पहला मौका है जब काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद सावन का सोमवार पड़ा।बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक की मन में लालसा लेकर देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं का भारी सैलाब मंदिर की तरफ जाने वाली हर सड़क पर उमड़ता हुआ दिखाई दिया।
रविवार शाम से ही बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए लाइन लगना शुरू हो गई थी।बाबा विश्वनाथ के भक्त मंगला आरती की प्रतीक्षा कर रहे थे।जिससे उनके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट खुलें और जिलाभिषेक कर दर्शन करें। काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा सभी शिवालयों में शिव भक्तों की दिनभर भीड़ रही।
बीते दो वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आध्यात्मिक नगरी काशी में सावन के महीने में तमाम पाबंदियां लगाई गई थीं, जिससे भक्तों की संख्या काफी कम थी,लेकिन इस बार पाबंदी न होने के कारण भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। काशी विश्वनाथ मंदिर का नजारा बिल्कुल बदला हुआ दिखा। स्थानीय लोगों की जगह देश के विभिन्न हिस्सों से आए शिवभक्तों का हुजूम दिखाई पड़ा।
नवनिर्मित धाम की दिव्यता में भव्यता की अनुभूति करने की जिज्ञासा से ज्यादातर लोग ललिता घाट की ओर से बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंचे। वहीं गेट नंबर एक समेत अन्य प्रवेश द्वारों पर भी लंबी कतार देखी गई। बोल-बम के जयकारे के बीच सावन के पहले दिन लाखों की संख्या में भक्तों ने बाबा दरबार में मत्था टेका। इस बार यह पहला मौका है जब विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरूप के साथ ही भक्तों को सड़क मार्ग के अलावा गंगा द्वार से भी प्रवेश दिया जा रहा है। बड़े ही सहज तरीके से कम समय में दर्शन पाकर दूर-दराज से आए भक्तगण निहाल हो गए।
बीते 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन किया था और उसके बाद यह पहला सावन है जब देश भर से कांवड़िए बाबा के धाम जलाभिषेक के लिए आ रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए कराई गई बैरिकेडिंग में रेड कार्पेट बिछाया गया है।कांवड़ यात्रा भी दो साल बाद शुरू हुई है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में अपनी मनोकामना पूर्ण होने के बाद इंतजार कर रहे कांवड़ियां बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंच रहे हैं।
काशी विश्वनाथ धाम में सुरक्षा और व्यवस्था में लगी पुलिस सेवादार के रूप में नजर आई। बाबा धाम के भीतर दिव्यांग श्रद्धालुओं को पुलिस गोद में उठाकर बाबा के गर्भ गृह के पास पहुंची और जलाभिषेक कराया तो बाहर पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनका हाल जानते रहे।
काशी विश्वनाथ धाम के अलावा कैथी मार्केंडय मंदिर, सारनाथ स्थित सारंगदेव महादेव, गौरी केदारेश्वर, महामृत्युंजय, जागेश्वर महादेव, शूलटंकेश्वर, तिल भांडेश्वर, बैजनत्था मंदिर, रामकुंड स्थित रामेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ा ।
सावन में कांवड़ियों के भारी संख्या में आने के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। भोले की इस नगरी में पूरे सावन भक्तों का जमावड़ा रहता है। मान्यता है कि 12 ज्योतिर्लोंगों में अहम स्थान रखने वाले बाबा विश्वनाथ को यदि सावन के पहले सोमवार जल चढ़ाया जाए तो मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।