-स्वास्थ्य के क्षेत्र में मधुबनी जिला नित नया आयाम स्थापित करने में हो रहा है सफ़ल: डीपीएम
-ज़िले में 399 स्पोक्स तो 65 टेलीकंस्लटेंसी हब के माध्यम से संचालित किया जा रहा है ई-टेलीमेडिसिन सेंटर
-ई-टेलीकंस्लटेंसी स्कोप पर प्रशिक्षित कर्मियों को किया गया प्रतिनियुक्त

#MNN@24X7 मधुबनी , 28 सितम्बर । बिहार सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई तकनीकी व्यवस्था को सुदृढ करने में लगा हुआ है। हालांकि अब संचार क्रांति के इस युग में राज्य के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को चिकित्सीय सुविधाएं विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से मिलनी शुरू हो गई हैं। जिसका नतीजा यह है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को घर बैठे या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सा विज्ञान द्वारा सलाह एवं परामर्श मिलने के साथ ही दवाओं की उपलब्धता से कई तरह की बीमारियों का उपचार हो रहा है। जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया फरवरी 2021से अबतक टेलीमेडिसीन कंस्लटेंसी के माध्यम से पूर ज़िले में 77 हज़ार, 5 सौ, 48 मरीज़ों का उचित चिकित्सीय परामर्श के साथ ही निःशुल्क दवा का वितरण भी किया गया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार टेलीमेडिसिन कंसल्टेंसी में चिकित्सकों द्वारा परामर्श के अनुसार निःशुल्क दवा का वितरण किया गया है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खजौली के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर कसमा मरार में पदस्थापित सी एच ओ खुशबू कुमारी ने अगस्त माह में जिले में सबसे अधिक 910 मरीजों की टेलीकंसल्टेशन की है। जिसमें मेल ओपीडी 424 व फीमेल ओपीडी 486 किया गया जो अगस्त माह के आंकड़ों के अनुसार जिले में सबसे अव्वल रहा।

शांतचित्त होकर कार्य करने से मिलती है सफ़लता: खुशबू कुमारी

खजौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित सी एच ओ खुशबू कुमारी ने बताया कि मेरे द्वारा अगस्त माह में सबसे ज़्यादा ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से 910 मरीज़ों को चिकित्सीय परामर्श दिया गया है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन के बाद मेरा नाम प्रथम स्थान पर दिया गया है। इसमें स्थानीय एमओआईसी डॉ. जितेंद्र नारायण एवं बीएचएम. अर्चना भट्ट के अलावा आशा कार्यकर्ता अमृता, सुनीता का काफ़ी सहयोग मिला है। विदित हो कि टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से मरीज़ों का चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। सरकार द्वारा चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा पदाधिकारियों एवं कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। खुशबू ने बताया सेवाओं को मूर्त रूप देने के लिए शांत मन से कार्य किया जाए तो कोई भी काम कठिन नहीं होता है।

हमलोगों के लिए गौरव की बात: डीपीएम

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. दयाशंकर निधि ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत ई- टेलीमेडिसिन की सुविधाएं शुरू की गई हैं ताकि ज़िले के निवासियों को किसी भी बीमारी या संक्रमण को समय रहते उसका उपचार किया जा सके। इसके सफल क्रियान्वयन में प्रशिक्षित चिकित्सकों, एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मियों को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित किया गया है। सबसे ख़ास बात यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य खजौली में कार्यरत सी एच ओ खुशबू कुमारी द्वारा संचार उपकरणों के माध्यम से सबसे ज्यादा टेलीकंस्लटेंसी द्वारा मरीज़ों का उपचार किया गया है। जो काफ़ी गौरव की बात है ।

ज़िले में 399 स्पोक्स तो 65 टेलीकंस्लटेंसी हब के माध्यम से संचालित किया जा रहा है ई-टेलीमेडिसिन सेंटर:

ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को विगत वर्षों से ससमय बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य सरकार के द्वारा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 399 स्पोक्स प्रणाली संचालित की जा रही है। वहीं 65 टेलीकंस्लटेंसी हब को जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के द्वारा हब एंड स्पोक्स प्रणाली के माध्यम से ई-टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

ई-टेलीकंस्लटेंसी स्पोक्स पर प्रशिक्षित कर्मियों को किया गया प्रतिनियुक्त:

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत एक हब और स्पोक्स की प्रतिनियुक्ति की गई है। सबसे पहले मरीज के द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम के पास कॉल किया जाता है। उसके बाद बीमार से ग्रसित मरीजों से बातचीत के आधार पर मिली समस्या को एएनएम के द्वारा चिकित्सकों के पास ऑनलाइन भेजा जाता है। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों से विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं एएनएम को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित करने के बाद ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन से संबंधित केयर इंडिया के द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। इसके बाद वे सभी अपने-अपने स्पोक्स पर उपलब्ध रहते हैं ।