◆ शराबबंदी वाले बिहार की पुलिस पर बड़ा आरोप!
◆ वायरल वीडियो की पुलिस कर रही है सघन जांच!!
#MNN@24X7 वैशाली। मजदूरी मिलने से मजदूर की खुशी का ठिकाना ना था. वह खुशी-खुशी बताता है कि काम किए हैं तो ये मिला है. इस दौरान मजदूर ने अपनी मजदूरी एक गमछे में छिपायी हुई थी और उसे खोलकर दिखाने से हिचक रहा था. इस हिचकिचाहट का कारण शराबबंदी थी.
दरअसल शराबनष्ट करने के लिए मजदूर बुलाए गए थे और उनको मजदूरी के रूप में शराब की बोतलें ले जाने की इजाजत दी गयी. शराबबंदी वाले बिहार में मजदूरी के बदले शराब देने के कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं. शराब की किस तरीके से बंदरबांट हो रही है, वीडियो से पता चल रहा है.
वीडियो वैशाली के महुआ थाना कैंपस का बताया जाता है. एक साथ तीन वीडियो वायरल हुए हैं. तीनों ही वीडियो में शराबबंदी वाले बिहार का भरपूर मजाक उड़ाया जा रहा है. वीडियो के विषय में बताया जा रहा है कि यह वीडियो 21 जनवरी का है. इस विषय में महुआ थाना अध्यक्ष प्रभात रंजन सक्सेना ने बताया कि 15 दिनों से शराब नष्ट नहीं किया गया है.
यह वीडियो पुराना हो सकता है.
इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि शराब नष्ट करने का काम पुलिस की देखरेख में और वीडियोग्राफी के साथ की जाती है.इस दौरान एक मजिस्ट्रेट की भी तैनाती होती है. ऐसे में इस तरह का मामला सामने आना साफ तौर से प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है. “बीते 15 दिनों से कोई भी शराब नष्ट नहीं किया गया है.
यह वीडियो पुराना हो सकता है।वायरल वीडियो की पुलिस जांच कर रही है जांच के बाद ही कुछ भी अस्पष्ट कहा जा सकता है. वीडियो में शराब के साथ दिखने वाले मजदूर प्रतीत हो रहे हैं मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. देखने से यह वीडियो पुराना प्रतीत हो रहा है जिसे किसी साजिश के तहत भी बनाया गया हो सकता है. पुलिस तमाम पहलुओं पर जांच कर रही है” – प्रभात रंजन सक्सेना, थानाध्यक्ष महुआ।