•आंगन एप्स अंतर्गत एनआईसी के द्वारा निर्धारित मेन्यू में आवश्यक सूचनाओं को प्रविष्टि करने का निर्देश
•आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को दिया निर्देश
मधुबनी /21 मार्च
बच्चे देश के भविष्य होते हैं और उनका स्वस्थ होना देश के स्वस्थ भविष्य के लिए जरूरी है। कोविड महामारी ने हमें यह सिखा दिया है कि हमारे लिए अच्छा भोजन और स्वच्छ पानी कितना जरूरी है। बच्चों के लिए शुद्ध जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया है कि वे सभी ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र तक नल के पानी का कनेक्शन पहुंचाएं और इस कार्य को प्राथमिकता दें। जारी पत्र में बताया गया है कि जिला परियोजना अंतर्गत नल का जल से आच्छादित केंद्रों का सत्यापन करते हुए नल का जल विहीन आंगनवाड़ी केंद्रों में प्राथमिकता के आधार पर इसकी शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए तथा आईसीडीएस के आंगन एप्प अंतर्गत एनआईसी के द्वारा निर्धारित मेन्यू में 3 दिनों के भीतर अपने परियोजना जिला से संबंधित आवश्यक सूचनाओं की प्रविष्टि करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
क्या है आंगन एप्स:
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीमती शोभा सिन्हा ने बताया समाज कल्याण विभाग द्वारा आंगनबाडी केंद्रों के संचालन में पारदर्शिता लाने के लिए कई प्रकार के इंतजाम किए जा रहे हैं। मेन्यू के अनुसार पोषाहार वितरण के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता तथा बच्चों की उपस्थिति की सीधी पड़ताल के लिए महत्वाकांक्षी आंगन एप को लांच किया गया है। इस एप के जरिए सीडीपीओं व महिला पर्यवेक्षिका बच्चों की उपस्थिति एवं संसाधनों की उपलब्धता की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को उपलब्ध कराती हैं। सीडीपीओं एवं पर्यवेक्षिका केंद्र के निरीक्षण के दौरान बच्चों के साथ सेल्फी लेकर आंगन एप पर अपलोड करना होता है। इतना ही नहीं इस दौरान उन्हें केंद्र की बोर्ड के साथ भी सेल्फी लेते हुए फोटो को अपलोड करना है। इस कार्य को घर बैठे करना संभव नहीं है इसलिए समाज कल्याण विभाग द्वारा रियल टाईम मॉनीटरिग सिस्टम को दुरूस्त करने के लिए इस एप को लांच किया गया है। सीडीपीओं को कम से कम चार फोटों भेजने का प्रावधान किया गया है। जिले मे 4768 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन पारदर्शिता के साथ करने के लिए आंगन एप की जानकारी सभी सीडीपीओं व एलएस को दिया गया है। सभी को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया गया है. इसी के जरीए विभागीय नियमों का अनुपालन किया जाना है। इस एप्लीकेशन के उपयोग से निरीक्षण प्रतिवेदन शीघ्र भेजा जा सकता है। आंगन एप्लीकेशन ऑफ लाइन मोड में भी काम करने में सक्षम है. उक्त मोबाइल पर आंगन एप्स अपलोड किया गया है। केंद्र पर जाकर मोबाइल में मौजूद आंगन एप्स का निरीक्षण प्रतिवेदन खोलना है। इस निरीक्षण प्रतिवेदन में केंद्र खुला है या नहीं, अगर आंगनबाड़ी केंद्र खुला है तो उक्त केंद्र में कितने बच्चें नामांकित है और कितने बच्चे उपस्थित है। साथ ही साथ मीनू के अनुसार भोजन बना है या नहीं। केंद्र द्वारा दी जा रही सेवाओं का स्तर क्या है।
पोषण अभियान के जिला समन्वयक स्मित प्रतिक सिन्हा ने बताया मेन्यू के अनुसार पोषाहार वितरण के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता तथा बच्चों की उपस्थिति की सीधी पड़ताल के लिए महत्वाकांक्षी आंगन एप को लांच किया गया है। इस एप के जरिए सीडीपीओं व महिला पर्यवेक्षिका बच्चों की उपस्थिति एवं संसाधनों की उपलब्धता की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को उपलब्ध कराएगी.