स्कूल जाने वाले बच्चों पर रखे विशेष निगरानी- डॉ गुप्ता
शारीरिक समस्या होने पर तुरन्त बच्चे को निकट के सरकारी अस्पताल ले जाएं
स्कूल जाने से पहले बच्चे को जूस, नींबू पानी, ग्लूकोज जैसे लिक्विड आहार देना ज़रूरी
दरभंगा. 21 अप्रैल. बढ़ती गर्मी के कारण इन दिनों हीट स्ट्रोक का खतरा बना हुआ है. यह गर्मी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. खासतौर पर स्कूल जाने वाले बच्चे लू की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं. हीट स्ट्रोक के साथ ही बच्चे डिहाइड्रेशन के भी शिकार हो सकते हैं. ऐसे में बच्चों को गर्मी से होने वाली हेल्थ संबंधी परेशानी से बचाने और उन्हें इस भीषण गर्मी में ठंडा रखने के लिए कुछ हेल्दी और नैचुरल फूड देना जरूरी है. इन फूड्स का इस्तेमाल करके बच्चों को हीट स्ट्रोक के खतरे से काफी हद तक बचा सकते हैं. साथ ही कुछ जरूरी एहतियात भी बरतना जरूरी है ताकि लू बच्चों को अपनी चपेट में न ले सके जानें.
बच्चों को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
डीएमसीएच के शिशु विभाग के चिकित्सक डॉ एनपी गुप्ता ने कहा बच्चा थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पी रहा है इस बात का ध्यान रखें.
स्कूल जाने से पहले बच्चे को जूस, नींबू पानी, ग्लूकोज जैसे लिक्विड जरूर दें.
स्कूल से आने के बाद थोड़ी देर रूक कर सबसे पहले फिर से ग्लूकोज, नींबू पानी या जूस दें.
स्कूल बैग में बच्चे के लिए पानी का बॉटल हाे इस बात का ध्यान रखें. और स्कूल में भी वह पानी पीता रहे इस बात को लेकर उसे पहले से समझा दें.
डॉ गुप्ता ने बताया ध्यान रखें की बच्चे का पेट खाली न हो यानी वह खाली पेट स्कूल न जाए कुछ न कुछ उसे जरूर खिला कर स्कूल भेजें.
बच्चा स्कूल बस या वैन से आना जाना नहीं कर रहा हो स्कूटी या बाइक से ट्रैवल कर रहा हो तो यह जरूर ध्यान रखें कि बच्चे के सर पर कैप हो और आंखों पर धूप का चश्मा लगा हो.
यदि यह महसूस हो कि गर्मी के कारण बच्चे की तबीयत खराब हो रही है तो तुरंत आम पन्ना या ओआरएस बना कर बच्चे को पिलाएं.
उल्टी, दस्त या बुखार की शिकायत हो तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें. बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ उठावें.
बच्चे को ढंकने वाले कपड़े पहना कर रखें. गर्म हवाएं खुले बदन वाले बच्चों का जल्दी अपनी चपेट में लेती है.
डेली डाइट में शामिल करें ये चीजें
नींबू पानी
डॉ गुप्ता ने कहा नींबू पानी ताजा नींबू के रस, पानी, चीनी और नमक से तैयार किया जाता है. नींबू कई आवश्यक विटामिन और खनिजों जैसे विटामिन सी, विटामिन बी 6 और पोटेशियम से भरपूर होते हैं. शिकंजी भारत का प्रसिद्ध पारंपरिक नींबू पेय है.
आम
आम में 80 प्रतिशत से अधिक पानी की मात्रा होती है और गर्मियों के दौरान यह एक आइडियल फूड ऑप्शन है. आम को ‘फलों का राजा’ भी कहा जाता है और सभी आयु वर्ग के लोग इसे पसंद करते हैं. आप अपने बच्चे को मैंगो स्मूदी के रूप में भी आम दे सकते हैं.
छाछ
छाछ को दही, पानी और नमक से बनाया जाता है. यह पारंपरिक पेय हाइड्रेटेड रहने के लिए एकदम सही है. छाछ पाचन में सुधार करने में भी मदद करती है.
तरबूज
तरबूज में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है. यह सबसे रसदार फलों में से एक है जो गर्मियों में हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है. तरबूज साइट्रलाइन नामक अमीनो एसिड से भी भरपूर होता है. यह एक आवश्यक अमीनो एसिड है, जो हमारे दिल और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए फायदेमंद होता है.
सत्तू
सत्तू को गरीबों के प्रोटीन के रूप में जाना जाता है और इसे भुने चने से बनाया जाता है. सत्तू खाने या पीने से लू लगने का खतरा काफी कम हो जाता है. सत्तू से बने पेय का ताज़ा स्वाद बच्चों को विशेष रूप से पसंद आता है. इसके अलावा बच्चों को गर्म हवा या दोपहर में घरके बाहर न जानें दें.
बच्चा थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पी रहा है इस बात का ध्यान रखें.
स्कूल जाने से पहले बच्चे को जूस, नींबू पानी, ग्लूकोज जैसे लिक्विड जरूर दें.
स्कूल से आने के बाद थोड़ी देर रूक कर सबसे पहले फिर से ग्लूकोज, नींबू पानी या जूस दें.
स्कूल बैग में बच्चे के लिए पानी का बॉटल हाे इस बात का ध्यान रखें. और स्कूल में भी वह पानी पीता रहे इस बात को लेकर उसे पहले से समझा दें.
इस बात का भी ध्यान रखें की बच्चे का पेट खाली न हो यानी वह खाली पेट स्कूल न जाए कुछ न कुछ उसे जरूर खिला कर स्कूल भेजें.
बच्चा स्कूल बस या वैन से आना जाना नहीं कर रहा हो स्कूटी या बाइक से ट्रैवल कर रहा हो तो यह जरूर ध्यान रखें कि बच्चे के सर पर कैप हो और आंखों पर धूप का चश्मा लगा हो.
यदि यह महसूस हो कि गर्मी के कारण बच्चे की तबीयत खराब हो रही है तो तुरंत आम पन्ना या ओआरएस बना कर बच्चे को पिलाएं.