#MNN@24X7 मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति,गुवाहाटीक सदस्य प्रेमकान्त चौधरीक संयोजकत्वमे पछिला एकैस दिसम्बर, शनि दिन “सगर राति दीप जरय” कथा-गोष्ठीक 120म आयोजन सम्पन्न भेल।
कार्यक्रमक उदघाटन देहरादूनसँ आयल प्रसिद्ध गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र , पूर्वोदय दैनिकक सम्पादक रविशंकर रवि, अध्यक्ष जगनिवास झा, सत्यनारायण साहु,पवित्र कुमार शर्मा आ शैलेन्द्र कुमार झाक द्वारा समेकित रूपसँ दीप प्रज्वलनसँ आरम्भ भेल।
कार्यक्ररमक अध्यक्ष हीरेन्द्र कुमार झा आ सञ्चालक
अशोक कुमार मेहता रहथि।
संयोजक प्रेमकान्त चौधरी द्वारा देशक विभिन्न भागसँ आयल कथाकार आ समालोचकक सङ स्थानीय दर्शकक स्वागत उदबोधनक उपरान्त संस्था द्वारा मिथिलाक पाग, आसामक विशेष अङवस्त्र तथा माथपर पहिरयबला जापि अर्पण कऽ आगन्तुक कथाकारक आ अन्य महत्वपूर्ण अतिथिक सम्मान कयल गेल ।
आरम्भमे लोकार्पणक कार्यक्रममे पूर्वोत्तर मैथिल पत्रिका,विभूति आनन्दक कथासङ्ग्रह- ‘सप्रोफेसर’ ,पत्र साहित्य संग्रह- “गामक चिठ्ठी” ,प्रदीप बिहारीक उपन्यास – “अबै छी कनेक काल बाद” आ शैलेन्द्र कुमार झाक उपन्यास “चालिस नम्बर चौदहम तल्ला” पोथीक लोकार्पण कयल गेल।
गोष्ठीक आरम्भ वरिष्ठ कथाकार विभूति आनन्दक कथा -भेँड़ सँ भेल। तदपश्चात गोष्ठीक नियमानुसार पहिलबेर कथा पाठ करयलेल आयल नव कथाकार सुमन मिश्रकेँ हुनक कथा वैदेही शीर्षक कथाक पाठ लेल आमन्त्रित कयल गेलनि।
गोष्ठीमे आयल छ महिला कथाकारमे पुतुल प्रियम्बदा -मैरेज मैटेरियल, मालती मिश्र- मैनेज कऽ लिय, प्रतिभा स्मृति-बेटीक बखरा, निक्की प्रियदर्शिनी- बान्हक ओहिपार, रितु प्रज्ञा- आवारा आ वन्दना चौधरी- छाहरि शीर्षक कथाक पाठ कयलनि जखन कि सातम अतिथि प्रियंका कुमारी समीक्षकक समूहमे रहथि।
ओतहि पुरूष कथाकारमे सोनू कुमार झा- उड़नपरी , सदरे आलम गौहरक- ओहि राति, मुकेश आनन्द- आठटा लालमोहन ,शैलेन्द्र शैली- पुनर्वास ,प्रितम कुमार निषाद – कातर कबुला ,आद्यानाथ झा – बिनु प्रेम नहि जिनगी , रौशन कुमार झा – पछताबा ,शैलेन्द्र कुमार झा- छिच्छी आ अन्तमे अध्यक्ष हीरेन्द्र कुमार झा द्वारा अपन कथा बाड़ीक पटुआक पाठक सङ कुल सतरह कथाक पाठ कयल गेल।
विशेष समीक्षक कमल मोहन चुन्नूक नेतृत्वमे अन्य-अन्य कथाकार आ साहित्यकार अलग-अलग कथाक समीक्षा कयलनि।
पढ़ल गेल कथाक आधारपर वर्तमान कथाक दशा आ दिशापर जतऽ सञ्चालक प्रो अशोक कुमार मेहता अपन विश्लेषण प्रस्तुत कयलनि ओतहि अध्यक्ष हीरेन्द्र कुमार झा कथाकारगणकेँ अपन कथामे मिथिला आ मैथिलक समाज आ ओकर संस्कारक समकालीन स्थितिक वर्णन करबाक आग्रह कयलनि तथा काल्पनिक बाहरी समाजक आयातातित संस्कृतिक विषयसँ परहेज करबाक आग्रह कयलनि।
सम्पूर्ण राति कथा-गोष्ठीक कुल सात सत्रक सञ्चालनक बाद अन्तमे रविक भोरमे अगिला आयोजनक हेतु आयल प्रस्तावमे सर्वसम्मतिसँ सहरसाक संयोजिका निक्की प्रियदर्शिनी आ शैलेन्द्र शैलीकेँ संयुक्त रूपसँ दीप आ बही वर्तमान संयोजक द्वारा सुपुर्द कयल गेल ।
कार्यक्रमक अन्तमे संस्थाक सचिव विष्णुदेव झा द्वारा समस्त प्रतिभागी आ अतिथिकेँ धन्यवाद ज्ञापनक सङ गोष्ठीक समापन भेल।