दरभंगा। मैथिली लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान में जानकी नवमी सीता की जन्म दिवस के छठे दिवस के अवसर पर श्री जानकीराम मंदिर लहरियासराय मैं समारोह पूर्वक उत्सव मनाया गया।
मैथिली लोक संस्कृति‌ मंच लहेरियासराय दरभंगा के महासचिव प्रोफेसर उदय शंकर मिश्र ने कहा कि जगत जननी जानकी त्रेता ईस्वी में मिथिला के सीतामढ़ी अंचल में 22 में जनक सीरध्वज के हल चलाने के उपरांत इनका प्राकट्य हुआ था। ज्ञात हो कि यहां 12 वर्ष का अकाल था सीता जी के प्राकट्योत्सव के परिणाम स्वरूप बरसात हुआ जिससे मिथिला में खुशहाली छा गई ।

मिथिला धरती की बेटी सीता ने जिस धनुष को बाएं हाथ से उठाकर दाहिने हाथ से लिपने का काम करती थी उसी धनुष को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने तोड़ा तो सीता जी से उनकी शादी हुई थी। मां सीता का रावण ने अपहरण किया तो उसका विनाश भगवान श्रीराम ने किया था मां सीता ने शास्त्राभिमुख रावण का नाश काली बनकर किया था। आज के संदर्भ में मां सीता फिर प्रकट हो और इस भूमि पर अन्याय का नाश कर न्याय की स्थापना करें और आम लोगों फिर खुशहाल हो यही कामना करता हूं।

मौके पर पूर्व विधान पार्षद डा. विनोद चौधरी, सिंडीकेट सदस्य डा.वैधनाथ चौधरी बैजू, प्रो.राममोहन झा, प्रो.चंद्रेश,सुनीता झा,प्रो.ममता ठाकुर,शंकर झा,प्रियंका झा, चौधरी फूल कुमार राय, सुजीत कुमार आचार्य,योगानंद झा,श्रवण दास,आर.के.दत्ता,मिथिलेश ठाकुर, कौस्तुभ कल्याण,राजेश चौधरी, पुतुल चौधरी,उज्ज्वल कुमार सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित रामनारायण झा जबकि संचालन स्वर्णिम किरण ने किया । इस अवसर पर प्रो.ममता ठाकुर एवं ऋतु प्रज्ञा द्वारा मैथिली पुत्र ‘प्रदीप’ रचित सोहर गाकर समां बांधा ।