-टीबी कार्यक्रम के सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए मधुबनी का हुआ चयन
-टीबी कार्यक्रम में सहयोग के लिए मधुबनी को मिलेगा ब्रॉन्ज मेडल
-सर्वे के दौरान अब तक 9 मरीजों की हुई पहचान

मधुबनी/ 6 मार्च, राष्ट्रीय टीबी मुक्त अभियान के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रमों में बेहतर कार्य करने पर सब नेशनल सर्टिफिकेट के अंतर्गत मधुबनी जिले को ब्रॉन्ज श्रेणी के लिए चयनित किया गया है. जिसके लिए मधुबनी के 10 प्रखंड के 10 चयनित गांव में टीबी के मरीजों की खोज की गई. 20 दिन तक सर्वे किया गया सर्वे के दौरान 9 मरीजों को चिन्हित किया गया. विदित हो कि प्रति वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा टीबी उन्मूलन में बेहतर कार्य करने के लिए जिलों के यक्ष्मा विभाग व राज्य स्वास्थ्य विभाग को पुरस्कृत किया जाता है. संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.जी.एम.ठाकुर ने बताया यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने को लेकर जिले को यह सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा इसी संदर्भ में केंद्र सरकार की टीम के द्वारा सर्वे कार्य किया गया . जिसका 1 मार्च को समापन हो गया.
सर्वे के दौरान अब तक 9 मरीजों की हुई पहचान :
जिले में सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए 10 फरवरी से 20 दिन सर्वे अभियान चलाए जाने के बाद 1 मार्च को सीटीडी नई दिल्ली के द्वारा अभियान को स्थगित कर दिया गया. सर्वे मे जिले के 10 प्रखंड के 10 गांव का चयन किया गया था. जिसमें जिले के 20 कम्युनिटी वॉलिंटियर के द्वारा सर्वे काम किया गया है 1 मार्च तक कुल 5,281 घर मे कुल 20,981 सदस्य का सर्वे किया गया। जिसमें से 20,132 लोगों द्वारा सर्वे में हिस्सा लिया कुल 849 लोगो ने सर्वे कराने से इंकार कर दिया गया. 20,132 व्यक्ति से सर्वे टीम द्वारा 235 संदिग्ध यक्षमा के संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई। 235 में से 207 मरीज के बलगम का नमूना लिया गया जिसमें से सभी 207 का जांच किया गया। अभियान के दौरान कुल 9 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. जिसमें रहिका-3 बाबूबरही-1, बेनीपट्टी-1, लखनौर-1, मधेपुर-1लौकही-1 एवं बिस्फी-1प्रखंड/ गांव के मरीज शामिल हैं. पॉजिटिव पाए गए सभी मरीज का सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र द्वारा रजिस्ट्रेशन कर दवा खिलाया जा रहा है.

2025 तक टीबी को भारत से करना है मुक्त :

डॉ ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. यह आम जन के सहयोग के बिना संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने सभी से टीबी रोगी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण यदि किसी में है तो कैंप में जाकर टीबी की जांच करानी चाहिए. अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई भी लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें. इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.