•नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ कर शत-प्रतिशत लक्ष्य को किया जायेगा हासिल।
•आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में से एक है नियमित टीकाकरण।
•12 तरह के बीमारियों से बचाव के लिए दिया जाता है टीका।
•आरआई दिवस पर नियमित टीकाकरण पर विशेष जोर।

#MNN@24X7 मधुबनी,21 मार्च। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ करने तथा इसके लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में नियमित टीकाकरण को लेकर पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट रामपट्टी में 241 नवनियुक्त एएनएम का प्रशिक्षण शुरू किया गया. प्रशिक्षण जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा तथा यूनिसेफ के एसएमसी प्रमोद कुमार झा के द्वारा दिया गया

यह प्रशिक्षण 20 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेगा अवकाश के दिनों को छोड़कर सभी दिनों प्रशिक्षण आयोजित की जाएगी प्रशिक्षण के दौरान जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र विश्वकर्मा के द्वारा सभी एएनएम को सभी टीका रोधी बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि कौन कौन सी ऐसी बीमारी है जिसे टीकाकरण से दूर किया जा सकता है इन बीमारियों का लक्षण क्या है इसे क्या नुकसान हो सकता है इसे कैसे बचा जा सकता है।

यूनिसेफ के एसएमसी प्रमोद कुमार झा के द्वारा सभी एएनएम को जानकारी दी गई कि कौन सा टीका कब किस तरह और कहां लगाया जाएगा तथा किसी टीका से कौन सी बीमारी से बचाव होता है उन्होंने बताया कार्यक्रम अंतर्गत 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। नियमित टीकाकरण के आच्छादन में गिरावट होने से जानलेवा बीमारियों के संक्रमण के बढ़ने की संभावना बनी रहती है। छूटे हुए बच्चों में वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।आरआई दिवस (बुधवार एवं शुक्रवार) को नियमित टीकाकरण का कार्य अनिवार्य रूप से कराया जाए।

नियमित टीकाकरण में तेजी लाने के लिए रणनीति विकसित करें:

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा ने नवनियुक्त एएनएम को बताया कि नियमित टीकाकरण में तेजी लाने के लिए रणनीति विकसित करें ताकि संबंधित शमन गतिविधियों के कारण उभरने वाले टीकाकरण अंतराल को दूर किया जा सके। नियमित टीकाकरण के लिए विशिष्ट दिनों की पहचान की जानी चाहिए और गतिविधियों की योजना इस तरह से बनाई जानी चाहिए कि समय, कार्यबल की भागीदारी आदि के संबंध में आरआई टीकाकरण गतिविधियों के साथ कोई ओवरलैप न हो।

नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ कर शत-प्रतिशत लक्ष्य को किया जायेगा हासिल

शिशुओं का संपूर्ण टीकाकरण है जरूरी:

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा ने बताया कि इस समय नवजात शिशुओं के भी स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जिसमें उनका सम्पूर्ण टीकाकरण करा कर उन्हें भविष्य में होने वाली कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान की जा सके। बच्चे के जन्म पर बीसीजी, ओरल पोलियो वैक्सीन और हेपेटाइटिस बी का टीका देना है। छह हफ्ते पर पेंटावेलेंट, 10 हफ्ते पर पेंटावेलेंट ओपीवी टू, रोटावायरस टू,14 हफ्ते पर पेंटावेलेंट, ओपीवी थ्री, रोटावायरस थ्री, आईपीवी टू, पीसीवी टू दिया जाना है। वहीं 9 से 12 महीनों पर खसरा और रूबेला वन टीका देना है। 16 से 24 महीनों पर खसरा, डीपीटी बूस्टर वन, ओपीवी बूस्टर और 5 से 6 साल पर डीपीटी बूस्टर टू का टीका देना है। इसके बाद 10 साल पर और 16 साल पर टेटनस एंड एडल्ट डिप्थीरिया, पीसीवी तथा जे. ई.का टीका दिया जाता है।

मौके पर आर आई सेल के निशांत कुमार, हामिद अंसारी मोहन कुमार यूएनडीपी के अनिल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.