#MNN@24X7 दरभंगा, 13 मार्च, टी.बी.डी.सी., दरभंगा में आयोजित 08 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के उदघाटन सत्र में अपर निदेशक-सह-राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (यक्ष्मा), बिहार, पटना डॉ. बालकृष्ण मिश्र के द्वारा बताया गया कि सरकार की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के माध्यम से यक्ष्मा उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2025 तक प्राप्त किया जायेगा।
 
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में क्रियाशील हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर हर माह के 14 तारीख को स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस माह 14 मार्च को सभी केन्द्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर एवं सीनियर टीबी ट्रीटमेंट सुपरवाईजर के माध्यम से टीबी की पहचान के लिए लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग की जायेगी, जिन व्यक्तियों को खाँसी, बुखार, वजन में कमी, भूख न लगना, रात में पसीना अथवा खखार (बलगम) में खून का आना आदि शिकायत होगी, उनके एक्स-रे एवं बलगम का जाँच नजदीकी सरकारी अस्पताल में मुफ्त में की जायेगी।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य के सभी जिलों में आधुनिक मशीनों द्वारा जाँच एवं आवश्यक दवाओं की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जा रही है।
 
कार्यक्रम में टीबी पीड़ित  रोगियों को निक्षय वेब पोर्टल पर अधिसूचित किया जा रहा है। ऐसे सभी टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना का लाभ पूरे ईलाज के दौरान पाँच सौ रूपये प्रतिमाह की दर से रोगी के बैंक बचत खाता में डी.बी.टी. के माध्यम से किया जाता है।

डॉ. मिश्र ने यह भी बताया कि 24 मार्च 2023 को अनेक देशों के वैज्ञानिक एवं सभी राज्यों के उच्चाधिकारी विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर वाराणसी आ रहे हैं।
  
24 मार्च 2023 से प्रारंभ होकर 13 अप्रैल 2023 तक आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के सुपरविजन में आशा एवं ए.एन.एम. द्वारा उच्च जोखिम युक्त समूहों में घर-घर जाकर टीबी रोग का एक्टिव केस फाईडिंग अभियान चलाया जायेगा। इस टीबी खोज अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के टीम को सरकार द्वारा सम्मानित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर प्रतिमाह नियत तिथि पर निक्षय दिवस का आयोजन किया जायेगा। इस कार्यक्रम में निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों के अतिरिक्त टीबी रोग से लड़कर सफलतापूर्वक ठीक हुए टीबी विजेताओं को प्रशिक्षणोपरांत टीबी चैम्पियन बनाने की योजना है। इन टीबी चैम्पियन, जीविका दीदी, ग्रामीण स्वैच्छिक कार्यकर्त्ता एवं युवाओं के माध्यम से टीबी के बारे में व्याप्त भ्रांतियों एवं कलंक को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

इसी कड़ी में लहेरियासराय स्थित डी.एम.सी.एच. कैम्पस में विगत 50 वर्षों से ज्यादा पुराना टी.बी.डी.सी0, दरभंगा के प्रशिक्षण कक्ष का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जीर्णोद्धार किया गया है।
 
उन्होंने बताया कि आगामी आठ दिनों तक कुल 07 जिलों के नवनियुक्त सीनियर टीबी ट्रीटमेंट सुपरवाईजर का प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है।