#MNN@24X7 मढौरा / छपरा, सारण, जन सुराज पदयात्रा के 182वें दिन की शुरुआत सारण के मढौरा प्रखंड अंतर्गत ओल्हनपुर पंचायत स्थित पदयात्रा कैंप में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ ओल्हनपुर पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले।

जन सुराज पदयात्रा तकिया, जगदीशपुर, साधपुर, फेरुसा, महमदा होते हुए छपरा सदर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी तेलपा पंचायत के चिमनी मैदान में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 3 आमसभाओं को संबोधित किया और 7 पंचायत के 15 गांवों से गुजरते हुए 14 किमी की पदयात्रा तय की।

नेता का लड़का 10वीं पास नहीं कर पाता फिर भी उसके पास रोजगार होता है लेकिन हमारे लड़के पढ़ लिखकर बेरोजगार बैठे रहते हैं: प्रशांत किशोर।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप वोट जिसको देना चाहते हैं, उसको दे दीजिए लेकिन वोट शिक्षा और रोजगार के नाम पर दीजिए। आगे प्रशांत किशोर ने जनता से सवाल किया कि वोट रोजगार के नाम पर देंगे या 5 किलो अनाज पर? जाति का नेता चाहिए या लड़कों की पढ़ाई चाहिए? तो संकल्प लीजिए इस बार वोट लालू, नीतीश या मोदी को नहीं देना है, इस बार वोट देना है अपने बच्चों के नाम पर। जन सुराज का मतलब है जनता का सुन्दर राज, लेकिन आज कल बिहार में नेताओं का सुन्दर राज है। नेता का लड़का बढ़िया स्कूल में पढ़ता है वो 10 वीं पास नहीं कर पाता, लेकिन उनको रोजगार मिल जाता है। दिक्कत हमारे घर के लड़कों को होती है, वो पढ़-लिखकर घर में बेरोजगार बैठे हैं तो हमारी दशा तभी सुधरेगी जब जनता का राज बनेगा।

जनता की सरकार बनते ही 1 साल के भीतर मजदूरी करने बाहर गए सभी युवाओं के लिए बिहार में ही 10 से 15 हजार के रोजगार की व्यवस्था की जाएगी: प्रशांत किशोर।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के बच्चे पूरे भारत में घूमकर मजदूरी करने के लिए नहीं बने हैं। आज मिलकर संकल्प लीजिए कि बिहार में ऐसी व्यवस्था बनानी है कि बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए उनको बिहार से बाहर न जाने पड़े। जन सुराज ने अबतक कोई वादा आपसे नहीं किया है, लेकिन संकल्प लिया है कि जब जनता की सरकार बन जाएगी, उस दिन जो लड़के बिहार के बाहर मजदूरी करने गए हैं और जो लड़के पढ़ लिखकर मजदूरी कर रहे हैं, उन सब के लिए 10 से 15 हजार के रोजगार की व्यवस्था बिहार में ही की जाएगी।