#MNN@24X7 जन सुराज पदयात्रा के दौरान छपरा में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में लागू शराबबंदी पर बात करना बेमानी है। क्योंकि बिहार में शराबबंदी का अर्थ है कि शराब की दुकानें बंद हैं और घर पर डिलीवरी चालू है। बिहार के लोगों ने भी इस बात को सत्य मान लिया है कि शराब हर जगह उपलब्ध है, लेकिन शराब की दुकानें बंद हैं।

उन्होंने कहा कि आज शराबबंदी के नाम पर एक बड़ा माफिया तंत्र बिहार में सक्रिय है, बिहार पुलिस, सरकारी अधिकारी और कुछ माफिया जो इससे जुड़े हैं, वो शराबबंदी से पैसा कमाने में लगे हुए हैं। बिहार सरकार को शराबबंदी से लगभग 20 हजार करोड़ का सालाना नुकसान हो रहा है, पर शराब सक्रिय रूप से हर जगह उपलब्ध है। इसलिए शराबबंदी पर आज बात करने का कोई मतलब ही नहीं बनता है।