#MNN@24X7 वाराणसी, कहते हैं कि राजनीति मौके का खेल है और जो मौकों को भुना लेता है,वही सबसे बड़ा खिलाड़ी होता है। महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि किसी को इसकी कानोंकान खबर तक नहीं हुई। इसी बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया कि उत्तर में भी महाराष्ट्र जैसा सियासी खेल होगा।समाजवादी पार्टी के कई विधायक और सांसद जल्द पाला बदलने वाले हैं।

सोमवार को वाराणसी में सुभासपा कार्यालय में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि यूपी सरकार का विस्तार होगा तो सूबे की राजनीति में खेल होगा। यहां भी वही खेल होगा जो महाराष्ट्र में हुआ है।सपा के कई विधायक यूपी सरकार में शामिल होना चाहते हैं। वहीं कई लोग लोकसभा टिकट के लिए दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं।अखिलेश यादव के रवैये से सपा के विधायक और सांसद नाराज हैं। वो अपना भविष्य सपा में नहीं देख रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर ने इसका कारण भी बताया।

ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मिलने जा रहे हैं,लेकिन वो बसपा प्रमुख मायावती से नहीं मिल रहे। बसपा और मायावती उत्तर प्रदेश में गेमचेंजर हैं।उन्होंने आगे कहा कि अगर मायावती तैयार होती हैं तो सुभासपा बसपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। इसके साथ ही राजभर ने दावा किया कांग्रेस भी मायावती के साथ गठबंधन करना चाहती है। 2024 में हम लोग नया तीसरा मोर्चा बनाएंगे।

एक सवाल के जवाब में ओपी राजभर ने कहा कि यूपी में सपा की ताकत घटी है। अब मुसलमान वोट चार खेमे में बंट गया है।भाजपा को भी मुस्लिम वोट मिलने लगा है। अब वो समय खत्म हो गया जब मुस्लिम वोट बैंक सपा के साथ था। अब यह भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस में बंट गया है। उन्होंने कहा कि जब सपा सत्ता में रही तो मुसलमान को सीएम तो क्या डिप्टी सीएम भी नहीं बनाया। सपा चार बार सत्ता में आई, लेकिन मुस्लिम समाज को उनका हक नहीं मिला। अब सपा किस मुंह से मुस्लिम समाज से वोट मागेगी।

ओपी राजभर ने दावा किया कि आजादी के बाद 38 फीसदी मुसलमान सरकारी नौकरी में था। कांग्रेस, सपा और बसपा ने इतना विकास किया कि आज की तारीख में एक फीसदी लोग भी सरकारी नौकरी में नहीं हैं। आप जब नौकरी देने औऱ हिस्सेदारी देने में मुस्लिम समाज की उपेक्षा करोगे तो वोट की आस कैसे करोगो। सपा से हर वर्ग नाराज है।

(सौ स्वराज सवेरा)