22 दिसम्बर 2022 को ल0ना0 मिधिला विश्वविद्यालय दरभंगा में आयोजित सीनेट बैठक के समक्ष विशाल धरना-प्रदर्शन और घेराव को सफल बनाने हेतु संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति की बैठक अध्यक्ष डाॅ राम मोहन झा की अध्यक्षता में राज अस्पताल कैंपस दरभंगा में आयोजित की गई। इस अवसर पर संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक श्री रजनीकांत पाठक भी उपस्थित थे।

अध्यक्ष डाॅ राम मोहन झा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय लूट खसोट का चारागाह बन चुका है। शिक्षा व्यवस्था चौपट हो चुकी है। सैकड़ो छात्र प्रतिदिन विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं। वहीं संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति दौ वर्षों से अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रही है परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन का संबद्ध महाविद्यालयों में अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण लूट खसोट का अड्डा बन चुका है।विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार विश्वविद्यालय प्रशासन संबद्ध महाविद्यालयों में हस्तक्षेप कर कुव्यवस्था पैदा कर दिया है। कुव्यवस्था का आलम यह है कि पिछले अगस्त माह से सत्र 2012-15 की अनुदान की राशि विश्वविद्यालय में पडी हुई है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के शह पर शासी निकाय उदासीन है और कर्मचारी भूखमरी के कगार पर हैं।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य संरक्षक रजनीकांत पाठक ने कहा कि निर्लज्जता की भी हद होती है स्नातक क्षेत्र के विधानपार्षद आदरणीय मदनमोहन झा के नेतृत्व में करीब दो हजार शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मियों ने विश्वविद्यालय पर प्रदर्शन किया था जिसमें मैं भी था। सभी अधिकारियों ने मांगों को जायज बताकर दस दिनों के अंदर पूरा करने का आश्वासन दिया था परन्तु आठ माह बीत जाने के वाबजूद भी संघर्ष समिति को आन्दोलन करना पड़ा है। श्री पाठक ने संघर्ष समिति के द्वारा 22 दिसंबर को आयोजित सीनेट घेराव का समर्थन किया तथा स्वंय घेराव में शामिल होने का वचन दिया। वहीं 19 दिसंबर से विश्वविद्यालय मुख्यालय पर अध्यक्ष तथा महासचिव द्वारा किए जा रहे भूख हड़ताल का समर्थन करते हुए शामिल रहने का वचन दिया। रजनीकांत पाठक ने कहा कि शासी निकाय और विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण अनुदान आने के वाबजूद कर्मचारियों को नहीं मिल पाई रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह शर्म की बात है कि माननीय उच्च न्यायालय में गलत जानकारी देने के कारण कुलपति पर जुर्माना लगाया गया है।

बैठक को संबोधित करते हुए सीनेट सदस्य डाॅ राम सुभग चौधरी ने चेताया कि 18 दिसंबर तक समस्या का समाधान करे अन्यथा गंभीर परिणाम होंगे।बैठक को संबोधित करने वाले प्रमुख लोगों मे प्रवक्ता प्रो ज्योति रमण झा, डाॅ भरत राय, प्रो विपिन कुमार झा, डाॅ सुरेश राम , प्रो शशांक शेखर, पुरूषोत्तम झा, प्रो मतलूब हुसैन, प्रो अभय कुमार, मनोज कुमार झा, प्रो चन्द्र कांत मिश्र, प्रो तरूण मंडल, प्रो सुनील कुमार मिश्र शामिल थे।